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लोकसभा चुनाव 2024 की बिसात सज चुकी है। उत्तर प्रदेश राज्य हमेशा से लोकसभा चुनाव की लड़ाई में दिलचस्प रहा है। बीते कुछ दशकों में सूबे में खुद को दलितों की पार्टी कहने वाली मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) फिलहाल हाशिए पर है या यूं कहें कि मोदी-योगी लहर के बीच मायावती की दाल यूपी की सियासत में गल नहीं पा रही है। ऐसे में अब तक वैकल्पिक तौर पर दलितों के नेता माने जाने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पूरी तरह से सामने आ चुके हैं। चंद्रशेखर आजाद इस बार यूपी की नगीना लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान से खास बातचीत की है। इस बातचीत में दलित नेता ने बताया कि इस बार चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने नगीना लोकसभा सीट का चुनाव क्यों किया। चंद्रशेखर ने यूपी की कानून व्यवस्था पर भी इस बातचीत में अपनी राय रखी। आइए डालते हैं चंद्रशेखर आजाद की बातचीत पर एक नजर…
नगीना से क्यों चुनाव लड़ रहे चंद्रशेखर आजाद?
बिजनौर जिले की नगीना लोकसभा सीट से उम्मीदवार चंद्रशेखर ने आखिर यह सीट क्यों चुनी? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “यहां का माहौल बताएगा कि आखिर मैंने यह सीट क्यों चुनी। इससे पहले मैंने गोरखपुर से भी चुनाव लड़ा क्योंकि और भी बहुत सारे साथियों को चुनाव लड़ाना था। यहां मैं पिछले चार महीने से भी अधिक वक्त से मेहनत कर रहा हूं। यहां मैंने 600 से ज्यादा गांवों में चुनाव प्रचार किया। जब मैं दूसरों के लिए वोट मांगता हूं तो उम्मीदवार जीतते हैं, ऐसे में मैं यहां खुद के लिए वोट मांग रहा हूं तो किस तरह के हालत होंगे! यहां बंटे हुए समाज को हमने जोड़ने का काम किया। यहां कोई ऐसी जाति या धर्म नहीं है जो हमें वोट न करे।”
जनता तय करेगी- कौन बाहरी है या भीतरी: चंद्रशेखर आजाद
नगीना लोकसभा सीट को लेकर यह बात दिलचस्प है कि यह सीट हर बार एक नए सियासी किरदार को गढ़ती है। मगर उन पर बाहरी होने के आरोप भी लगते रहे हैं। यह भी आरोप लगते हैं कि वे चुनाव जीत तो जाते हैं लेकिन वापस से इस क्षेत्रा का हालचाल पूछने नहीं आते है। इस पर चंद्रशेखर ने कहा, “प्रधानमंत्री गुजरात के हैं लेकिन बनारस से चुनाव लड़ रहे हैं। हम सब जानते हैं कि यह लोकसभा चुनाव है, ऐसे में यहां बाहरी और भीतरी का सलाव नहीं बचा। इस बात का जवाब जनता तय करेगी कि कौन बाहरी है और भीतरी।”
यूपी सरकार पर जमकर बरसे चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने बेरोजगारी को देश का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बताया है। उन्होंने कहा, “बेरोजगारी और महंगाई चुनाव में हमेशा अहम मुद्दे रहे हैं। इसके अलावा कानून व्यवस्था खराब हो चुकी है। जिस तरह के पुलिस की भर्ती आई और उसका पेपर लीक हो गया। बड़े-बड़े दावे सरकार ने लोगों से किए कि – हम लोगों को इतनी नौकरी देंगे। परिणाम यह हुआ कि बच्चों से फीस ले ली गई, मगर वह पेपर लीक हो गया। आज भी रेप व हत्याएं यूपी में आम बात है। यहां बाढ़ की समस्या है, बाढ़ में बही किसानों की फसलों का सरकार मुआवजा नहीं देती है। यहां सरकारी मशीनरी पूरी तरह से फेल हो चुकी है। यहां एक भी अच्छा अस्पताल नहीं है जहां लोगों का बेहतर इलाज हो पाए। लोग सबको वोट देते हैं, मगर बाद में जनता ठगी जाती है।”
एनकाउंटर न्याय नहीं है: चंद्रशेखर आजाद
यूपी कानून व्यवस्था को कोसते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि जो गरीबों का नेतृत्व करता है उसे चार-चार गोलियां मारी जाती है। उल्लेखनीय है कि एक चंद्रशेखर के ऊपर बीते दिनों गोलियां चली थी जिसमें वह घायल हो गए थे। उन्होंने कहा, “पुलिस सरकार के दम पर दमन कर रही। गरीबों और मुसलमानों पर जानवरों की तरह लाठियां बरसा रही है। क्या यहां एनकाउंटर से न्याय होगा? क्या कानून व्यवस्थाएं बंद करवा दी जाएं? जब तक कोर्ट में कोई दोष सिद्ध नहीं होता तब तक कोई आरोपी होता है। मगर उसके साथ पहले ही मुजरिम की तरह व्यवहार किया जाता है। उसके घर पर बुलडोजर चला दिया जाता है।”