यूपी के कानपुर में 2000 का नोट बदलवाने के लिए बड़ा गोलमाल सामने आया है। यहां नोट बदलवाने के लिए महिलाओं को 300-300 रुपये दिए जा रहे थे। इसके लिए व्यापारियों ने महिलाओं का सहारा ले रखा था। महिलाओं को नोट बदलवाने के लिए आरबीआई के बाहर लाइन में खड़ा किया। रिजर्व बैंक के सामने हो रहे इस धंधे का कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को पर्दाफाश कर दिया। पुलिस को देखकर वहां भगदड़ मच गई। महिलाओं से नोट बदलवाने का जो लोग काम करवा रहे थे वह मौके से भाग निकले। इस दौरान पुलिस ने दो शातिरों को भी गिरफ्तार किया है। दोनों से पुलिस ने 80 हजार रुपये बरामद किए हैं। पुलिस ने वादी बनकर दो के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में एफआईआर दर्ज कर ली है। अधिकारी के मुताबिक मामले की विवेचना में जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
इंस्पेक्टर कोतवाली संतोष शुक्ला आरबीआई के पास शुक्रवार को गश्त करते हुए जा रहे थे। उसी दौरान उन्हें आरबीआई के सामने पंचर की दुकान में लोगों की भीड़ इकह्वा थी। जिससे जाम की स्थिति बन रही थी। इंस्पेक्टर फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों से भीड़ लगाने का कारण पूछा। यहां इंस्पेक्टर को पता चला कि 40-50 लेबर यहां पर दो-दो हजार के नोट बदलने आए हैं। पुलिस ने इनमें से 30 लेबरों के नाम पते और आधार कार्ड नम्बर नोट किया। पुलिस ने पंक्चर की दुकान करने वाले रियाज और उसके साथी को पकड़ा और लेबरों के साथ थाने ले आई। पुलिस ने इस दौरान 80 हजार रुपये भी बरामद किए।
ऐसे चल रहा था नोट बदलने का षड्यंत्र एडीसीपी ईस्ट लखन यादव ने बताया कि इस पूरे मामले में जूही हमीरपुर रोड निवासी अभिषेक वर्मा, उसके भाई अवधेश वर्मा, परमट निवासी कुमार संतोष, पटकापुर नवाब साहब का हाता निवासी रियाज, सरसाइया घाट निवासी आशीष पाण्डेय, टेलीग्राम रोड निवासी दीपांशु राठौर और आशीष गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी और षड्यंत्र रचने की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है।
आशीष देता था दो हजार के नोट अधिकारी ने बताया कि रियाज और उसका एक अन्य साथी लेबरों के सम्पर्क में रहता है। बीच की कड़ी है आशीष गुप्ता। आशीष रियाज को कारोबारियों के पैसे देता था। रियाज लेबरों से नोट बदलवाता। एक लेबर पर 100-150 का कमिशन एडीसीपी ने बताया कि एक लेबर पर शातिर 100-150 रुपये तक का कमिशन लेते थे। इन्होंने अब तक कितनी बार कितने रुपये बदलवाए हैं। इसके बारे में जानकारी ली जा रही है। साथ ही किन-किन कारोबारियों ने इस तरह से नोट बदलवाने का कार्य किया है उसके बारे में भी पता किया जा रहा है।
खूब चला था बैंकों में खेल
बैंकों में नोट बदलने की व्यवस्था की गई थी। उस वक्त भी कमीशन का खेल जमकर चला था। बैंकों में कोई भी पहचानपत्र नहीं लेने से खेल में शामिल लोगों को काफी आसानी हुई थी।
अब भी जेबें भर रहा गुलाबी नोट
19 मई 2023 को सरकार ने दो हजार के नोटों पर रोक लगा दी थी। जिन लोगों के पास नोट अभी भी हैं, उनके लिए कानपुर समेत रिजर्व बैंक की देशभर की 19 शाखाओं में नोट बदलने की सुविधा अभी भी है। इसको कुछ लोगों ने धंधा बना लिया।
पहले पांच नोट पर था 500 कमीशन
सात अक्टूबर को बैंकों व डाकघर में नोट बदलने की सुविधा खत्म हो जाने के बाद या सिर्फ रिजर्व बैंक में ही बदले जा रहे हैं। शुरुआती 3 महीने तक नोट बदलने के लिए 5 नोट यानी 10,000 पर 500 तक का कमीशन दिया जा रहा था। रिजर्व बैंक में नोट बदलने आए दस नोट 20 हजार रुपये बदलने पर यह कमीशन दोगुना होता था। हालांकि धीरे-धीरे नोट कम हुए तो कमिश्नर का रेट भी कम हो गया।
पहचान भी कर रहे उजागर
चंद्र रुपये कमीशन के तौर पर लेने वाले लोग अपनी पहचान भी उजागर करने से पीछे नहीं हटते हैं। नोट बदलने के लिए रिजर्व बैंक संबंधित व्यक्ति से उसकी आधार कार्ड की फोटोकॉपी लेता है। इसके बाद एक फॉर्म भी भरा जाता है। जिसमें नोटों की संख्या, नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल का विवरण देना होता है।
कौन हैं कमीशन पर नोट बदलने वाले
सूत्रों के अनुसार, कमीशन पर गुलाबी नोट बदलने वाले अधिकांश ऐसे लोग हैं जिनके पास कोई भी स्थाई रूप से रोजगार या काम धंधा नहीं है। कुछ तो ऐसे कारोबारी के घर-दुकान या फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी होते हैं, जिनके पास 2,000 के नोटों की अच्छी खासी संख्या है।