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यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023-24 के लिए 18 फरवरी को हुई परीक्षा के पेपर लीक हो गया था। मामले में पेपर लीक कराने वाले गैंग का मास्टर माइंड राजीव नयन गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं। आरोपी ने इससे पहले भी कई परीक्षाओं के पेपर लीक कराए थे। एसएससी की परीक्षा में एक अभ्यर्थी से साढ़े सात लाख रुपये लेकर सॉल्वर ने उसकी जगह परीक्षा देकर दो पेपर पास करा दिए। लेकिन सत्यापन के दौरान बायोमिट्रिक जांच में फंस गया और उसे बाहर कर दिया गया। ठगी के शिकार होने वाले अभ्यर्थी ने सॉल्वर समेत तीन के खिलाफ नवाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सहावपुर ताली, नवाबगंज निवासी अनिल कुमार ने नवाबगंज के सोनू यादव, अजय विश्वकर्मा और राहुल के खिलाफ नवाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस को बताया कि 2019 में एसएससी मल्टीटास्किंग भर्ती के लिए उसने आवेदन किया था। परीक्षा 14 अगस्त 2019 को कानपुर में थी। इस बीच सोनू सिंह यादव ने शिक्षा माफिया केएल पटेल के नाम से नौकरी लगवाने का झांसा दिया। अगले दिन अनिल ने दो लाख रुपये जमा कर दिए। उसकी जगह सॉल्वर राहुल ने परीक्षा दी। इसके बाद दूसरा पेपर जनवरी 2021 में था। इस पेपर के लिए भी सॉल्वर राहुल को तैयार किया, बदले में तीन लाख रुपये लिए। अब बायोमिट्रिक वेरिफिकेशन होना था। उसके लिए दो लाख 60 हजार रुपये दिया। लेकिन सात जनवरी को आयोजित सत्यापन में मामला फंस गया। फिंगर प्रिंट मैच न होने से उसे बाहर कर दिया गया। परीक्षा से उसे डिबार कर दिया गया। ठगी के शिकार होने के बाद अब अनिल की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया।
राजीव नयन ने काली कमाई से बनाया हॉस्पिटल
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती में पेपर लीक का मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्र यमुनापार क्षेत्र में मेजा का रहने वाला है। मां-बाप की मौत के बाद बीटेक की पढ़ाई के लिए वह भोपाल गया और वहीं एडमिशन कराने के नाम पर अवैध धंधे में शामिल हो गया। इस धंधे की कमाई से राजीव ने प्रयागराज में रुतबा बनाया और गाड़ियों के काफिले के साथ चलने लगा। कोचिंग संचालकों से सेटिंग कर प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक कराने से लेकर एडमिशन के नाम पर रुपये कमाने लगा।
बताया जाता है कि राजीव नयन मिश्र 2010 में बीटेक करने के लिए भोपाल गया था। वहीं पढ़ाई के बाद वह अवैध धंधे में लिप्त हो गया। पुलिस ने बताया कि शादी के बाद राजीव ने पत्नी को गांव में रखा जबकि भोपाल में एक युवती के साथ रहता था। पहली बार एसटीएफ ने 2021 टीईटी में सेंधमारी के आरोप में राजीव नयन के नाम का खुलासा किया। लखनऊ एसटीएफ ने राजीव को टीईटी पेपर लीक में गिरफ्तार किया था। इसके बाद ग्वालियर और दिल्ली पुलिस ने उसे मध्य प्रदेश में संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने के प्रकरण में गिरफ्तार किया।
इस बीच राजीव ने करोड़ों की कमाई की। दिल्ली में वह 35 लाख की लग्जरी गाड़ी के साथ पकड़ा गया था। प्रयागराज में उसने एक निजी अस्पताल में लाखों रुपये का निवेश किया। बताया जा रहा है कि भोपाल में जिस फ्लैट में वह रहता था, उसे खरीदने के लिए 40 लाख रुपये एडवांस दिए थे। 30 लाख रुपये उसे और देने थे। एसटीएफ उसके बैंक खाते की पड़ताल कर रही है।
आरओ-एआरओ परीक्षा में भी लीक का खुलासा लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित आरओ-एआरओ परीक्षा के पेपर लीक में भी राजीव नयन का नाम सामने आया है। लोक सेवा आयोग ने यह परीक्षा 11 फरवरी को दो पालियों में कराई थी। परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सचिव ने परीक्षा निरस्त होने के बाद सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। 15 मार्च को लखनऊ एसटीएफ ने यूपी पुलिस से बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार सिंह और सौरभ शुक्ला को गिरफ्तार आरओ-एआरओ परीक्षा पेपर लीक का खुलासा किया था। इस केस में भी राजीव नयन की संलिप्तता सामने आई थी।
नोएडा में भी ठिकाना
आरोपी राजीव मिश्रा ने नोएडा के एटीएस टावर में भी अपना एक ठिकाना बनाया हुआ था। एटीएस टावर के फ्लैट में वो किराए पर रहता था। यहां पहले उसने यूपी टेट पेपर लीक कराया। यूपी टेट पेपर लीक के बाद नोएडा का फ्लैट छोड़ दिया। यूपी टेट पेपर लीक के दौरान ही राजीव नयन, रवि अत्रि का दोस्त बना। रवि अत्रि भी यूपी पुलिस पेपर लीक कांड में मुख्य आरोपी है और वांटेड है।
कस्टडी रिमांड पर प्रयागराज लाएगी एसटीएफ
सिपाही भर्ती पेपर लीक के मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्र की एसटीएफ ने पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी है। सीओ एसटीएफ बृजेश सिंह ने बताया कि गुरुवार को उसे पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर प्रयागराज और रीवा जाएगी। प्रयागराज के कई कोचिंग संचालकों की मिलीभगत से पेपर सॉल्व कराने का आरोप है। रीवा के रिसॉर्ट में 300 अभ्यर्थियों को पेपर से पहले उत्तर याद कराया गया था। एसटीएफ वहां उसे लेकर जाएगी।
राजीव की कॉल डिटेल से मिले थे अहम सुराग
एसटीएफ के डिप्टी एसपी के मुताबिक राजीव ने दोनों परीक्षाओं के समय दो अलग-अलग मोबाइन नम्बरों का इस्तेमाल किया था। व्हाटसएप भी उसने तीन अलग-अलग नम्बरों पर चलाया था। फरारी के दौरान राजीव ने फर्जी आईडी पर दो नये सिम लिये। नम्बरों की कॉल डिटेल भी निकलवायी गई। इससे मिले तथ्यों पर ही एसटीएफ राजीव तक पहुंची।