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Power Corporation: बिजली हादसे में अगर किसी भी तरह से मौत होती है तो मुआवजा तय है। हादसे में जान जाने पर अब पांच लाख की जगह सात लाख रुपये मुआवजा मिलेगा। मुआवजे को लेकर शासन ने यह राशि बढ़ाई है। नए नियम के तहत अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह से बिजली की चपेट में आता है या फिर उसकी किसी तरह से मौत हो जाती है तो मुआवजे की राशि बिजली निगम देगा।
बिजली से हुए हादसे में मुआवजे को लेकर कई तरह के पेंच फंस जाते थे। इसकी वजह से दुर्घटना में घायल लोगों और उनके परिजनों को मुआवजे की राशि के लिए दौड़ना पड़ता था। कई बार परिजनों को मुआवजे की राशि नहीं मिल पाती थी। इसी तरह का मामला सहजनवा थाना क्षेत्र के हरपुर बुदहट इलाके में ट्रांसफॉर्मर की चपेट में आने से युवक की मौत मामले में भी हुई थी। परिजनों को मुआवजे के लिए करीब सात से आठ माह तक चक्कर लगाना पड़ा था। मामले में निगम के अधिकारियों ने युवक को मानसिक रूप से बीमार बताते हुए आत्महत्या करार दे दिया था।
इस पर जब पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के एमडी के निर्देश पर गठित टीम ने जांच की तो पता चला कि ट्रांसफॉर्मर के पास फेंसिंग नहीं लगाई गई थी, जिसकी वजह से वह ट्रांसफॉर्मर की चपेट में आ गया था। मामले में परिजनों को करीब आठ माह बाद मुआवजा मिल सका। जबकि, अब नए नियम के तहत मुआवजे की राशि एक माह के अंदर हर हाल में निगम को देनी होगी। इतना ही नहीं किसी भी तरह के हादसे पर मुआवजे की राशि परिजनों को दी जाएगी।
40 फीसदी ट्रांसफॉर्मरों के आसपास नहीं है फेंसिंग
शहरी और ग्रामीण इलाकों के 40 फीसदी ट्रांसफॉर्मरों के पास फेंसिंग नहीं कराई गई है। जबकि नियम के तहत नीचे लगे ट्रांसफॉर्मरों की फेंसिंग अनिवार्य है। फेंसिंग कराने को लेकर एमडी ने भी कड़े निर्देश दिए हैं। सख्ती दिखाते हुए कहा है कि ऐसे ट्रांसफॉर्मरों की सूची तैयार करते हुए जल्द से जल्द फेंसिंग कराई जाए। क्योंकि, हादसों की सबसे बड़ी वजह ट्रांसफॉर्मरों के पास फेंसिंग का न होना है।
क्या बोले बिजली इंजीनियर
बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता लोकेंद्र बहादुर ने कहा कि बिजली हादसे में अगर किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसे हर हाल में मुआवजा दिया जाएगा। शासन ने मुआवजे की राशि पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया है। किसी भी तरह से हादसा होने पर मुआवजे की राशि परिजनों को एक माह के अंदर दी जाएगी।