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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान जोर पकड़ रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी में टिकट बदलने का सिलसिला जारी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अब तक छह सीटों पर टिकट बदल चुके हैं। कई सीटों पर अब भी असमंजस की स्थिति है। टिकट की ताजा बदली अखिलेश यादव ने मेरठ में की है जहां कई दिनों से घमासान छिड़ा था। सोमवार को देर रात अखिलेश यादव ने मेरठ-हापुड़ सीट से पूर्व में घोषित प्रत्याशी भानु प्रताप सिंह एडवोकेट का टिकट काट दिया और सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान को प्रत्याशी घोषित कर दिया। वहीं आगरा से सुरेश चंद्र कदम को प्रत्याशी बनाने का ऐलान भी किया है।
ताजा चर्चा है कि बागपत में अमरपाल शर्मा को उतार सकती है। यहां कई दिनों से टिकट को लेकर खींचतान जारी है। पूर्व विधायक अमरपाल कह रहे हैं कि उनका टिकट फाइनल है। वहीं 20 मार्च को सपा द्वारा जारी लिस्ट में शामिल रहे मनोज चौधरी का कहना है कि अधिकृत प्रत्याशी वह ही हैं। बागपत में टिकट बदलने की आशंका के पीछे जातीय समीकरण बताया जा रहा है। भाजपा-रालोद गठबंधन ने इस सीट से डा. राजकुमार सांगवान को प्रत्याशी बनाया है जिन्होंने सोमवार को अपना पर्चा भी भर दिया। वहीं सपा ने इस सीट पर मनोज चौधरी को उम्मीदवार बनाया है जिनके खिलाफ ताल ठोंकते हुए साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा कह रहे हैं कि बागपत से वह आराम से सीट जीत सकते हैं। तर्क यह है कि बागपत में दोनों जाट हो गए हैं तो ब्राह्मण कैंडिडेट देकर रेस में आ सकती है। इस सीट पर करीब सवा लाख ब्राहमण वोटर बताए जाते हैं। सपा से मनोज चौधरी के नाम का ऐलान होते ही कुछ कार्यकर्ताओं ने उन्हें डा.राजकुमार सांगवान के सामने कमजोर प्रत्याशी बताते हुए इस सीट पर ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को टिकट देने की मांग शुरू कर दी थी। वैसे बागपत सीट पर सपा से कुल चार लोगों ने नामांकन पत्र खरीदे हैं। इनमें मनोज चौधरी और अमरपाल शर्मा के अलावा विदुर कुमार और विकास कुमार शामिल हैं। विकास और विदुर ने भी खुद को समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी दर्शाते हुए नामांकन पत्र खरीदे हैं। अमरपाल शर्मा कल यानी तीन अप्रैल को अपना पर्चा भर सकते हैं। सोमवार को उनके नाम से नामांकन पत्र भी खरीदा गया, जिसमें उन्हें भी समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी दर्शाया गया है। बागपत में 26 अप्रैल को मतदान होना है, जिसके लिए गत 28 मार्च से नामांकन प्रक्रिया चल रही है।
इसके पहले रामपुर और मुरादाबाद सीट को लेकर सपा में ऊहापोह देखने को मिल चुका है। मुरादाबाद सीट से पहले मौजूदा सांसद डॉ एसटी हसन ने सपा से नामांकन पत्र दाखिल किया लेकिन नामांकन के आखिरी दिन अखिलेश यादव ने रुचि वीरा को पार्टी का त्याशी घोषित कर दिया। इसे लेकर हसन समर्थकों में नाराजगी देखी गई। रामपुर सीट पर भी आखिरी वक्त में मुहिउबुल्लाह मदनी के नाम पर मुहर लगी। इसके पहले सपा ने बदायूं सीट पर पूर्व घोषित धर्मेंद्र यादव का टिकट काटकर शिवपाल यादव को टिकट दिया था। हालांकि बाद में धर्मेन्द्र को आजमगढ़ से टिकट दिया गया। बदायूं के बाद सपा ने गौतमबुद्ध नगर से डॉ.महेंद्र नागर का टिकट बदलकर राहुल अवाना को टिकट दिया था। मिश्रिख से मनोज राजवंशी की जगह संगीता राजवंशी को टिकट दिया गया। इन सबके बीच एक सीट संभल पर पूर्व घोषित उम्मीदवार शफीकुर्रहमान के निधन के बाद टिकट बदलना पड़ा। यहां शफीकुर्रहमान के पोते जियाउर रहमान बर्क को टिकट दिया गया। बिजनौर में भी सपा प्रत्याशी बदली कर चुकी है। यहां पहले यशवीर सिंह धोबी टिकट दिया गया था। बाद में उनकी जगह दीपक सैनी को प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।
भाजपा ने ली चुटकी
समाजवादी पार्टी में बार-बार हो रही टिकट बदली पर भाजपा ने चुटकी ली है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पिछले दिनों कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों को अपने घोषित प्रत्याशियों पर भी भरोसा नहीं है। इसी वजह से वे दो-दो तीन-तीन बार अपने प्रत्याशी बदल रहे हैं।