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BSP in Lok sabha Election 2024: देश की राजनीति में चल रहे गठबंधन के दौर में बसपा यूपी में अपने दम पर नई सेनाओं के साथ चुनाव लड़ने जा रही है। उसने इस बार अधिकतर पुराने नेताओं के टिकट काट दिए हैं या जो टिकट के पुराने दावेदार थे, उनके स्थान पर नए को टिकट दे दिया है। बसपा की अब तक अधिकृत रूप से घोषित उम्मीदवारों में पुरानों के स्थान पर नए को तरजीह दी गई है। पार्टी सूत्रों का तो यह भी कहना है कि शेष बची सीटों पर भी जो उम्मीदवार उतारे जाएंगे उनमें भी अधिकतर नए चेहरे होंगे।
बन रही नई बसपा
बसपा का साथ छोड़कर अधिकतर पुराने नेता दूसरी पार्टियों में चले गए हैं या फिर पार्टी में रहकर ही निष्क्रिय हो गए हैं। वर्ष 2012 के बाद से हर चुनाव में उसके कुछ न कुछ साथी पार्टी छोड़कर चले जाते हैं या फिर निकाल दिए जाते हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में बसपा ने 10 सीटें जीती थीं, लेकिन स्थिति यह हुई कि अधिकतर ने इस बार साथ छोड़ दिया। इसके चलते बसपा ने पिछली बार जीती अधिकतर पुरानी सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगाया है। नगीना, सहारनपुर व बिजनौर से उम्मीदवार बदल दिए गए हैं। अमरोहा से पिछली बार जीते कुंवर दानिश अली कांग्रेसी हो गए हैं। ये स्थिति केवल अब तक घोषित 25 सीटों के आधार पर है। आगे घोषित होने वाले उम्मीदवारों में भी नए ही बताए जा रहे हैं, इसीलिए यह तय माना जा रहा है कि बसपा पूरी तरह से नई होती जा रही है।
कद्दावर नेताओं ने छोड़ दिया साथ
एक समय था कि बसपा में मायावती के बाद कई ऐसे चेहरे थे, जिनकी पार्टी में नंबर दो के रूप में पहचान हुआ करती थी। नसीमुद्दीन सिद्दीकी बुंदेलखंड से आते हैं। बसपा में बतौर वह मुस्लिम नेता के रूप में जाने जाते थे। बसपा की रैलियों या फिर बड़े कार्यक्रमों की कमान उनके ही हाथ में हुआ करती थी, लेकिन अब वे कांग्रेसी जो चुके हैं। राम अचल राजभर और लाल जी वर्मा। ये दोनों नेता बसपा के कॉडर के नेता माने जाते थे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ऐसी अनबन हुई कि उन्हें पार्टी से ही निकाल दिया गया। अब ये दोनों नेता सफाई हो चुके हैं। नकुल दुबे, बसपा ने इन्हें पिछला लोकसभा चुनाव सीतापुर से लड़ाया था और यह नंबर दो पर थे, लेकिन अब वे कांग्रेसी हो चुके हैं। इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर सीतापुर से ही चुनाव लड़ रहे हैं।
दलित वोट बैंक बांधे रखने की कोशिश
यह पहला चुनाव है, जिसमें बसपा सुप्रीमो मायावती भतीजे आकाश आनंद को पूरी तरह से यूपी में लगाने जा रही हैं। उनके चुनावी कार्यक्रम जारी कर दिए गए हैं। वह छह अप्रैल से नगीना से चुनावी सभाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं। नगीना सीट दलित बहुल्य है। बसपा के गिरीश चंद्र यहां से पिछला चुनाव जीते थे। इस बार उनका टिकट काट दिया गया है। उनके स्थान पर सुरेंद्र पाल सिंह को टिकट दिया गया है। बताया जा रहा है कि मायावती ने इसीलिए आकाश की पहली चुनावी सभा नगीना में लगाकर समुदाय के लोगों के बीच एक संदेश देने और उन्हें बांधे रखने की कोशिश की है।