बीते साल अक्टूबर महीने में हमास के हमले के बाद से ही इजरायल ने गाजा में भयानक तबाही मचाई है। इस युद्ध में दोनों ओर के हजारों लोगों की मौतें हो चुकी हैं। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को रमजान महीने के दौरान गाजा में तत्काल संघर्षविराम के प्रस्ताव को पारित कर दिया। आपको बता दें कि इझरायल और हमास के बीत जंग शुरू होने के करीब 5 महीने बाद ये प्रस्ताव पारित हो पाया है। इस प्रस्ताव का पारित होना इजरायल के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
अमेरिका ने इजरायल को दिया झटका
गाजा में रमजान के दौरान सीजफायर से जुड़े प्रस्ताव के पक्ष में 15 में से 14 सदस्यों ने वोट किया। वहीं, अमेरिका मतदान में शामिल नहीं हुआ जिस कारण ये प्रस्ताव पास हो गया। बता दें कि बीते कुछ समय से इजरायली पीएम नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच भी तनाव की स्थिति बन गई है। अमेरिका की मनाही के बावजूद भी नेतन्याहू इजरायली सेना को लगातार रफाह में भेजने की जिद पर अड़े हुए हैं।
प्रस्ताव में क्या है खास?
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने इस प्रस्ताव के पारित होने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद ने गाजा पर लंबे समय से प्रतीक्षित एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव में तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की तत्काल व बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है। गुटरेस ने कहा है कि इस प्रस्ताव को तुरंत क्रियान्वित किया जाना चाहिए।
अमेरिका ने क्या कहा?
गाजा में सीजफायर से जुड़े इस प्रस्ताव के पारित होने पर यूएन में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ने कहा है कि ये ये प्रस्ताव इस बात पर जोर देता है कि रमजान के महीने के दौरान हमें शांति के लिए फिर से प्रतिबद्ध होना चाहिए। लिंडा थॉमस ने कहा है कि हमास समझौते को स्वीकार करके ऐसा कर सकता है। बंधकों की रिहाई के साथ ही युद्धविराम तुरंत प्रभावी हो सकता है। इसके लिए हमास पर दवाब डाला जाना चाहिए।