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बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को लाने और ले जाने में लापरवाही बरतने को लेकर बड़ा एक्शन हुआ है। शासन ने मंडल कारागार में तैनात जेलर और दो डिप्टी जेलर को सस्पेंड कर दिया है। दो मार्च को डीआईजी जेल प्रयागराज ने यहां कारागार का औचक निरीक्षण किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर डीजी जेल एसएन साबत ने जेलर योगेश कुमार, डिप्टी जेलर राजेश कुमार और अरविंद कुमार को सस्पेंड कर दिया। मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच सात अप्रैल 2021 को बांदा मंडल कारागार में शिफ्ट किया गया था। यहां जेल में बंद मुख्तार को महज 18 महीने में ही आठ मुकदमों में कोर्ट ने सजा सुनाई है। इसमें दो बार उम्रकैद की सजा हुई है। मुख्तार के विरुद्ध लंबित 65 मुकदमों में से 21 का विभिन्न न्यायालयों में ट्रायल चल रहा है। सरकार की पैरवी से हाल ही में 34 वर्ष पुराने एक मुकदमे में वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट से मुख्तार को आजीवन कारावास की सजा मिली है। यह मामला फर्जी शस्त्र लाइसेंस से संबंधित है।
माफिया मुख्तार से यारी में कई पर गिर चुकी गाज
पूर्वंचल के बाहुबली विधायक रहे माफिया मुख्तार अंसारी से यारी निभाने में कई पर गाज गिर चुकी है। इसमें वर्ष 2017 का चर्चित मामला भी है। उस दौरान मुख्तार को प्रोटक्शन वारंट पर पंजाब भेज दिया गया था। इस मामले में तत्कालीन जेलर रंजीत सिंह, डिप्टी जेलर ताड़केश्वर प्रताप सिंह पर गाज गिरी थी। दोनों को निलंबित कर दिया गया था। साथ ही कई अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चली थी। सात जून 2022 को तत्कालीन डीएम अनुराग पटेल और एसपी अभिनंदन ने कारागार का औचक निरीक्षण किया था, उस दौरान मुख्तार अंसारी को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। मामले में डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह और चार बंदीरक्षकों को सस्पेंड कर दिया था। वहीं, पिछले साल मुख्तार से यारी में जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा को भी निलंबित किया गया था।
पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को जब बांदा जेल लाया गया, उस वक्त यहां प्रभारी जेल अधीक्षक प्रमोद त्रिपाठी की तैनाती थी। मुख्तार की शिफ्टिंग के 38 दिन बाद 17 मई 2021 को उन्नाव कारागार में तैनात सीनियर सुपरिटेंडेंट अरुण सिंह को बांदा जेल भेजा गया। वह चार महीने 29 दिन तक रहे। 17 अक्तूबर को वह मेडिकल लीव पर चले गए और फिर लौटे ही नहीं। 11 नवंबर को उन्हें लखनऊ स्थित संपूर्णानंद कारागार से अटैच कर दिया गया था। उनके बाद यहां की जिम्मेदारी के लिए दो और सुपरिटेंडेंट की पोस्टिंग हुई पर दोनों ने ज्वाइन नहीं किया। 11 नवंबर 2021 को बरेली कारागार के सुपरिटेंडेंट विजय विक्रम सिंह की पोस्टिंग बांदा के लिए की गई पर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। गृह विभाग ने उन्हें 29 नवंबर को सस्पेंड करने के साथ संपूर्णानंद कारागार से संबद्ध कर दिया। वहीं, 30 जून 2022 को लखीमपुर खीरी जेल के सीनियर सुपरिटेंडेंट पवन प्रताप की पोस्टिंग के आदेश हुए। उन्होंने बांदा कारागार का चार्ज लेने के बजाए ट्रांसफर बाराबंकी कारागार करा लिया। बाराबंकी में सुपरिटेंडेंट बने थे।