India TV Fact Check: सोशल मीडिया पर कोई भी जानकारी फैलने में देर नहीं लगती, खास तौर पर अगर वह भ्रामक या फर्जी हो तो आग की तरह वायरल होती है। इसी तरह एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसके साथ ये दावा किया जा रहा है कि अब से गुड मॉर्निंग का मैसेज भेजने पर 18% GST लगेगा। ये नियम अप्रैल से लागू होगा और इसका मोबाइल बिल के साथ भुगतान करना होगा। लेकिन जब हमने इस दावे की पड़ताल की तो पाया कि ये खबर असल में 2018 में एक हिंदी अखबार में छपी व्यंगात्मक खबर है, जिसकी कटिंग इंटरनेट पर शेयर की जा रही है।
क्या हो रहा वायरल?
दरअसल, फेसबुक पर D C Upadhyay नाम के एक यूजर ने ये पोस्ट 16 मार्च को शेयर की थी। इस पोस्ट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बंद करो गुड मॉर्निंग के मेसेज!” इस पोस्ट में दिख रही अखबार की कटिंग में लिखा है, “अगर आप भी अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को और जानने वालों को गुड मॉरनिंग मैसेज भेजते हैं, तो सतर्क हो जाएये। नए फाइनेंशियल ईयर में यह आपकी जेब पर भारी पड़ने जा रहा है। आने वाले 1 अप्रैल से जो गुड मॉर्निंग मैसेज भेजे जाएंगे, सरकार उनपर टैक्स लगाएगी। गुड मॉर्निंग टेक्स के रूप में इसकी वसूली जीएसटी की तर्ज पर होगी। मोबाइल संचार मंत्रालय के चीफ सेक्रेटरी लेख पाल के अनुसार, आप जो भी गुड मॉर्निंग के मैसेज भेजेंगे, व्हाट्सऐप मैसेंजर उसका हिसाब रखेगा। ऐसे मैसेज पर 18 प्रतिशत जीएसटी तय किया गया है।” आगे अखबार की कटिंग में विस्तार से और भी चीजें लिखी हैं।
फेसबुक पर वायरल हो रही ये खबर
इंडिया टीवी ने की पड़ताल
जब हमें ये खबर मिली तो हमने इस अखबार की कटिंग को ध्यान से पढ़ा। इस दौरान हमें अखबार की कटिंग के नीचे एक लाल पट्टी में लिखा दिखा, “बुरा ना मानो होली है” इसके बाद हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया तो 20 मार्च 2018 को प्रकाशित ABP न्यूज की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें अखबार की इसी कटिंग के बारे में सच्चाई बताई गई थी।
ABP न्यूज की वेबसाइट पर मिली एक खबर
ABP न्यूज की खबर की हैडलाइन है- ‘गुड मॉर्निंग मैसेज पर 18% GST लगने का दावा करने वाली खबर का वायरल सच।’ इसमें बताया गया है कि 2 मार्च 2018 को दिल्ली से प्रकाशित नवभारत टाइम्स अखबार के संस्करण में पहले पन्ने पर पहली खबर यही छपी थी। असल में ये खबर 2 मार्च 2018 को यानि होली के दिन ‘बुरा ना मानो होली है’ की तर्ज पर व्यंग के रूप में छपी थी, जो देखते ही देखते वायरल हो गई।
फैक्ट चेक में क्या निकला?
इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में ये साफ हुआ कि वायरल खबर 6 साल पहले एक अखबार में छपे एक व्यंग की कटिंग है। इसे सच समझकर शेयर किया जा रहा है।
ये भी पढ़ें-