ऐप पर पढ़ें
लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिमी यूपी में धीरे-धीरें प्रत्याशियों की स्थिति साफ हो रही है। इस बीच नगीना सीट पर भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल करके यहां का चुनाव रोचक बना दिया है। पहले चंद्रशेखर आजाद के सपा-रालोद गठबंधन से मैदान में उतरने की चर्चा थी। रालोद के अलग होने के बाद माना जा रहा था कि अब सपा खुद चंद्रशेखर को अपने सिंबल पर चुनाव मैदान में उतार सकती है। इस बीच सपा ने यहां से पूर्व जज मनोज कुमार को प्रत्याशी घोषित कर चंद्रशेखऱ को झटका दे दिया। मनोज ने भी शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर दिया। चंद्रशेखऱ के उतरने से नगीना सीट भी हॉट सीटों की सूची में शामिल हो गई है। यहां से भाजपा ने ओम कुमार और बसपा ने सुरेंद्र मैनवाल को प्रत्याशी बनाया है। अब बड़ा सवाल यही है कि चंद्रशेखर किसे सबसे ज्यादा चोट पहुंचाएंगे।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि मौजूदा हालातों को देखते हुए हमने निर्णय लिया है कि हम ज्यादा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। हमने नगीना सीट से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। बाकी जगह इंडिया गठबंधन का साथ देकर बीजेपी को रोकने का काम करेंगे। चंद्रशेखर ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेताओं शरद पवार, कांग्रेस और अखिलेश यादव से मुलाकात हुई है। हमने नगीना से चुनाव लड़ने के लिए कहा था। ऐसा इसलिए क्योंकि जब मेरे ऊपर गोली चली तो किसी सदन में मेरे लिए आवाज नहीं उठी। जब मेरे जैसे व्यक्ति पर गोली चलने पर किसी ने केंद्र व प्रदेश सरकार से सवाल नहीं किया तो हमारे समाज के लिए कौन बोलेगा।
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हमें दलित, पिछड़े, आदिवासी, मुस्लिम, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी सभी लोगों की चिंता है। इसलिए अगर मैं सदन पहुंचकर आवाज नहीं उठाऊंगा तो हमारे लोगों की सुनवाई कौन करेगा। क्योंकि जिनका नेता नहीं होता, उनकी बात भी कोई नहीं करता है। जिनका दल नहीं होता, उनका बल नहीं होता। जिनका बल नहीं होता, उनकी समस्या हल नहीं होती।
उन्होंने कहा कि हम राजनीति पैसा कमाने या तनख्वाह और पेंशन लेने के लिए नहीं कर रहे हैं। हम राजनीति अपने लोगों की आवाज बनने के लिए कर रहे हैं। नगीना से बहुत से लोग सांसद बने हैं लेकिन यहां कोई अच्छा अस्पताल नहीं है। हमारी इच्छा है कि नगीना में एम्स जैसा अस्पताल बने।
पार्टी की ओर से लोगों को बांट रहे कलम
आजाद समाज पार्टी की ओर से लोगों को कलम बांटा जा रहा है। इसको लेकर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि लोकतंत्र का पर्व है और मैं कलम की ताकत को समझता हूं। बाबा साहब अंबेडकर ने हथियार के तौर पर वोट और कलम दिया है। जिसने प्रयोग करना सीख लिया उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि दुश्मन बड़ी चालाकी से काम कर रहा है। हमारे लोगों का वोट खरीदने के लिए शराब, पैसे, मिठाई और कपड़े बांटे जाते हैं लेकिन हम लोगों को कलम बांटते हैं। कलम बांटकर ये बताना चाहते हैं कि इसी कलम से आपके जीवन में परिवर्तन होगा।