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लोकसभा चुनाव में जैसे-जैसे टिकटों का ऐलान हो रहा है दलों की भूमिकाएं बदल रही हैं। टिकट नहीं मिलने से पल्लवी और कृष्णा पटेल की पार्टी अपना दल कमेरावादी के बाद संजय चौहान की जनवादी पार्टी सोशलिस्ट ने सपा से नाता तोड़ लिया है। संजय चौहान ने शुक्रवार को लखनऊ में सपा पर वादा करके भी घोसी से टिकट नहीं देने का आरोप लगाते हुए अकेले ही लड़ने का ऐलान कर दिया। संजय चौहान को पिछले लोकसभा चुनाव में सपा ने चंदौली से मैदान में उतारा था। इस बार संजय चौहान घोसी से टिकट मांग रहे थे। गुरुवार को ही सपा ने घोसी से राजीव राय को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके बाद संजय चौहान ने घोसी के साथ ही यूपी की कई सीटों पर अपना प्रत्याशी उतराने का ऐलान कर दिया।
संजय चौहान ने समाजवादी पार्टी को बीजेपी की बी टीम बताते हुआ कहा कि सब सीट पर टिकट बीजेपी को जिताने के लिहाज से बांटे जा रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया कि अब जनवादी पार्टी सोशलिस्ट उत्तर प्रदेश में अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। संजय चौहान ने कहा कि घोसी से ही समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहते थे पर अखिलेश यादव उनको आश्वासन देते रहे लेकिन टिकट देने के समय उन्होंने राजीव राय को टिकट दे दिया। संजय चौहान ने कहा कि अखिलेश यादव ने उन्हें कई बार इस सीट पर टिकट देने का आश्वासन दिया था।
संजय चौहान ने दावा किया कि राजीव राय घोसी के लिए एक कमजोर प्रत्याशी हैं और वहां पर चौहान समाज के लोग उनको वोट नहीं देने जा रहे हैं, जिनका तकरीबन साढ़े 3 लाख वोट है। संजय चौहान ने कहा कि वह चुनाव हारने या जीतने के लिए नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि अपने समाज के वोट को एकजुट करने के लिए ये चुनाव लड़ रहे हैं। उनका लक्ष्य 2027 के विधानसभा चुनाव में सदन में उनकी नुमाइंदगी करना है।
संजय चौहान ने दावा किया कि वह भारतीय जनता पार्टी के साथ किसी भी हाल में नहीं जाएंगे क्योंकि जो लोग भी भाजपा के साथ हैं चाहे वो संजय निषाद हों या फिर ओमप्रकाश राजभर हो वह लोग अपने समाज और अपने हक की बात उस पार्टी में नहीं रख पाते हैं।