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जौनपुर के पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह की होली जेल में ही मनेगी। जौनपुर की विशेष कोर्ट से मिली सात साल की सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में लगाई गई अपील पर सुनवाई नहीं हो सकी। इस अपील में धनंजय सिंह ने सजा पर रोक और जमानत की गुहार लगाई थी। धनंजय की अपील का नंबर काफी बाद का था। इससे समय का अभाव होने से सुनवाई नहीं हुई। नमामी गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण और रंगदाकी के मामले में जौनपुर की विशेष अदालत ने छह मार्च को धनंजय सिंह को दोषी करार देते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई थी। अदालत से जेल भेजे जाने के दौरान धनंजय सिंह ने सजा को चुनाव लड़ने से रोकने की साजिश करार दिया था।
धनंजय सिंह पर चार साल पहले प्रोजेक्ट मैनेजर ने अपहरण कर धमकी देने और रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था। प्रोजेक्ट मैनेजर की शिकायत पर धनंजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने धनंजय के खिलाफ चार्जशीट लगाई लेकिन सुनवाई के दौरान ही प्रोजेक्ट मैनेजर ने आरोपों को वापस ले लिया और हलफनामा भी लगाया था। अदालत ने इस हलफनामें और आरोपों से मुकरने को धनंजय सिंह से डर का कारण माना और पूर्व सांसद को दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुना दी थी।
सजा कुछ दिन पहले ही धनंजय ने जौनपुर से दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। सजा के कारण अब उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग गई है। ऐसे में धनंजय सिंह ने हाईकोर्ट की शरण ली और सजा पर रोक के साथ ही जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। उनकी अपील बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई। 154 नंबर पर सूचीबद्ध होने की वजह से अपील पर सुनवाई नहीं हो सकी। ऐसे में अब होली की छुट्टी के बाद ही सुनवाई हो सकेगी। ऐसे में धनंजय सिंह का होली से पहले जेल से बाहर आने का सपना चूर हो गया है।