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उन्होंने कहा, “यह एक बहुत ही आकर्षक भूमिका है क्योंकि एक तरफ, वह राम से अधिक प्यार करती हैं लेकिन अपना बेटा भरत प्रिय है. दूसरी ओर, एक पल ऐसा आता है जब वह अपनी नौकरानी मंथरा की बातें सुनती है जो उसके दिमाग में जहर भर देती है. हालांकि छिपा हुआ तथ्य है क्योंकि इसे पौराणिक रूप से पूरी रचना करनी थी. पूरी माया राम कथा होनी थी और रावण को मारना था. कहा के अनुसार, ब्रह्माजी ने सरस्वती से अनुरोध किया कि वह जाकर कैकेयी की जीभ पर बैठें और उससे ये बातें कहें, बाद में उसे एहसास हो कि उसने कितना बड़ा आपराध कर दिया है. (फोटो साभार -Pinterest)