बदायूं डबल मर्डर केस में पुलिस ने मुख्य आरोपी साजिद को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। जबकि उसका भाई जाबिद अब भी पुलिस की पकड़ से फरार है। ऐसे में अब एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने जाबिद पर 25 हजार का इनाम घोषित किया है। उसकी तलाश के लिए एसएसपी ने पुलिस की 24 विशेष टीमें लगाई है। टीमें लगातार फरार जाबिद की तलाश में दबिशें दे रही है।
बाबा कॉलोनी से दो मासूम भाइयों की हत्या कर भागे साजिद को पुलिस ने घेरा तो उसने फायर झोंक दिया था। जवाब में पुलिस ने तीन गोलियां साजिद के सीने में उतार दीं। गोलियां पीठ से पार हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साजिद के सीने में तीन गोलियां लगने की पुष्टि हुई है। उधर, रिपोर्ट के अनुसार आयुष और आहान के गले आगे से पूरी तरह रेत दिए थे। वहीं, आयुष के कंधे, सिर, चेहरे समेत शरीर के छह अंगों पर छुरी से वार किए। जिससे गहरे घाव हो गए। दोनों बच्चों की मौत का कारण बना।
बदायूं में मासूम भाइयों की हत्या पर बवाल, घंटे भर बाद ही आरोपी एनकाउंटर में ढेर
जीने के गेट के पास मिला दोनों बच्चों का शव
बाबा कालोनी के विनोद के घर तीसरी मंजिल छत पर साजिद ने दो बच्चों की निर्मम हत्या की है। पुलिस को दोनों बच्चों के शव को छत पर जीने के गेट के पास मिले हैं। मगर छत पर इसके अलावा कुछ दूरी करीब पांच से सात फीट पर दूसरी जगह खून पड़ा हुआ है और वहीं दोनों बच्चों के चप्पल पड़ी हुई हैं। बच्चों की जहां चप्पल पड़ी हैं वहां शव नहीं था शव दूसरी जगह जीना के गेट के पास मिले हैं। जीना गेट के पास भी काफी खून पड़ा था। इससे साफ होता है कि अंदर छत के पास बच्चों की नृशंस हत्या की गई और हत्या के चलते भागकर बच्चे गेट पर जीना का दरवाजा लगा लिया होगा और जीना गेट के पास गला रेतकर मार दिया गया। जीना के पास ज्यादा ब्लड पड़ा है और जहां चप्पल पड़ी हैं वहां ब्लड कुछ कम है।
मौके पर मिली शराब की बोतल
आखिर ऐसा कौन से इंतकाम था जिसे पूरा करने के लिए साजिद ने शराब पी और फिर दो बच्चों की निर्ममता से हत्या कर दी। मौके-ए वारदात पर पुलिस को एक खाली क्वार्टर मिला है। जिसे लेकर साजिद छत पर चढ़ा था। उसने छत पर चढ़कर शराब पी। जिसके बाद दोनों बच्चों की हत्या कर दी। आयुष और आहान की दादी मुन्नी देवी ने बताया कि साजिद शराब का क्वार्टर लेकर घर में आया था। उसने छत पर जाकर शराब पी। जिसके बाद उनके दोनों जिगर के टुकड़ों की बेरहमी से मार डाला। जब वह छत पर गई को वहां शराब का खाली क्वार्टर पड़ा था। इधर, साजिद के पिता का कहना है कि उसका बेटा नशा नहीं करता था।
दोनों भाइयों के खून से सने कपड़े
मुकदमे के मुताबिक, सखानू निवासी साजिद और जाबिद उनके घर के सामने नाई की दुकान चलाते थे। साजिद मंगलवार की शाम को अपने भाई जाबिद के साथ बाइक से घर पहुंचा था। साजिद बाइक से उतरकर उनके घर के अंदर आया गया। लेकिन जाबिद बाहर ही खड़ा रहा। उस दौरान घर पर पत्नी संगीता और मां मुन्नी देवी और तीनों बेटे थे। विनोद के अनुसार साजिद ने उनकी पत्नी संगीता से कहा कि उसकी पत्नी सना की डिलीवरी होनी हैं। डॉक्टर ने रात 11 बजे का समय दिया हैं। पांच हजार रुपये की जरूरत हैं। इसपर संगीता ने कहा कि अभी लाकर देती हूं। तभी साजिद ने बीच वाले बेटे को पुड़िया लाने भेज दिया। इस दौरान साजिद ने संगीता से कहा कि उसका मन घबरा रहा हैं। कुछ देर छत पर घूम लेता हूं।
इस बीच साजिद ने अपने भाई जाबिद को भी छत पर बुला लिया। दोनों भाई, बेटे आयुष और आहान को भी अपने साथ ले गया। हत्या के बाद भागते समय साजिद और जाबिद के कपड़े खून से सने थे। हाथ में खून से सनी छुरी थी। साजिद ने संगीता को को देखते हुए कहा कि आज मैंने अपना काम पूरा कर दिया हैं। हाथ में खून से सनी छुरी देख उनकी पत्नी घबराकर चिल्लाई तो मोहल्ले के लोग जुट गए। जिन्होंने दोनों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन जाबिद भाग गया और साजिद को भीड़ ने पकड़ लिया। पत्नी और मां छत पर गई तो दोनों बेटों की लाशें पड़ी थी।
बुधवार तड़के पुलिस ने दोनों बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम दो डॉक्टर के पैनल में हुआ। जिनमें डॉ. जीके गुप्ता और डॉ. श्रीपाल मौजूद रहे। डॉ. अमित सक्सेना, गजेंद्र सिंह वर्मा के साथ ही पोस्टमार्टम के दौरान सीएमएस डॉ. कप्तान सिंह मौजूद रहे। रिपोर्ट के अनुसार साजिद ने छुरी से आयुष और आहान का आगे से गला रेता हैं। वहीं, आयुष के शरीर पर छुरी से छह प्रहार किए। जिससे दोनों बच्चे खून से रंजित हो गए। साजिद के सिर पर खून इस कदर सवार था कि उसके भी कपड़े दोनों बच्चों के खून से पूरी तरह सन गए थे।