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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अनुदान के लालच में भाई-बहन के फेरे कराने के मामले में बीडीओ लक्ष्मीपुर की रिपोर्ट पर डीडीओ ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया है। वहीं सत्यापन में लापरवाही पर मनरेगा के तकनीकी सहायक को ब्लॉक से हटाकर जिला मुख्यालय सम्बद्ध कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच-कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही फेरे लेने वाले भाई-बहन के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया गया है। जिलाधिकारी अनुनय झा के निर्देश पर सीडीओ ने पूरे प्रकरण की जांच कराई। सीडीओ संतोष कुमार राय ने बताया कि लक्ष्मीपुर ब्लॉक में बीते 5 मार्च को सामूहिक विवाह में ग्राम पंचायत कजरी की युवती ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपने सगे भाई के साथ छद्म विवाह किया, जबकि उसकी शादी पहले ही चुकी थी।
अनुदान के लालच में ऐसा किया गया। इस मामले में ग्राम विकास अधिकारी मिलिन्द चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। युवती की शादी के बाद भी आवेदन के सत्यापन में ग्राम पंचायत अधिकारी ने अनदेखी की। सामूहिक विवाह के काउंटर पर आरोपी का सत्यापन करने वाले तकनीकी सहायक मनरेगा इंद्रेश भारती को मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच-कार्रवाई की जा रही है। साथ ही प्रभारी एडीओ समाज कल्याण चंदन पांडेय की तहरीर पर भाई-बहन के खिलाफ पुरंदरपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच कमेटी गठित
सीडीओ ने इस मामले में पीडी राम दरश चौधरी और लक्ष्मीपुर बीडीओ अमित मिश्रा की दो सदस्यीय कमेटी गठित कर दो दिन में रिपोर्ट मांगी है।
सीडीओ संतोष कुमार राय का कहना है कि भाई-बहन की शादी कराने के मामलें में जांच में प्रथमदृष्टया दोषी पाए जाने पर ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। तकनीकी सहायक को जिला मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। भाई-बहन के खिलाफ भी धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया गया है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। रिपोर्ट के आधार पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।