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लोकसभा चुनाव के लिए यूपी की 80 में से सपा ने कांग्रेस को 17 सीटें दी हैं। बची 63 में से एक भदोही की सीट ममता बनर्जी की टीएमसी को दे दी है। टीएमसी ने इस सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी को प्रत्याशी भी बना दिया है। पूर्वांचल की वाराणसी से सटी भदोही सीट बेहद अहम मानी जाती है। सपा की कई छोटे दलों से भी बातचीत चल रही है। इनमें से किसी को कोई सीट न देकर टीएमसी को देना हर किसी को हैरान कर रहा है। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव के बुलावे पर ममता बनर्जी यूपी आईं थीं। इस दौरान ही उनसे किया गया वायदा निभाने के लिए अखिलेश ने भदोही की सीट दी है।
भदोही से टीएमसी के प्रत्याशी बनाए गए ललितेशपति त्रिपाठी का कहना है कि वह तृणमूल का झंडा थामकर कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अपने परदादा कमलापति त्रिपाठी की विरासत को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से पूर्व में किये गये वादे को निभाते हुए भदोही की सीट तृणमूल को दी है।
त्रिपाठी ने सोमवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि हो सकता है कि सपा द्वारा भदोही लोकसभा सीट तृणमूल कांग्रेस को सौंपे जाने से किसी को हैरत हुई हो लेकिन ममता बनर्जी सपा से इसका वादा पहले ही ले चुकी थीं। उन्होंने बताया कि 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सपा के समर्थन में लखनऊ और वाराणसी में जनसभा को सम्बोधित करने आयीं तृणमूल अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अखिलेश से यह कहकर एक लोकसभा सीट का वादा लिया था कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी की विरासत को आगे बढ़ाना है।
त्रिपाठी ने बताया कि 2021 में जब वह कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे तब उन्होंने ममता बनर्जी को एक फोटो दिखायी थी जिसमें वह भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोद में बैठे हुए हैं। उनके अनुसार वह फोटो दिखाते हुए उन्होंने ख्वाहिश जतायी थी कि वह तृणमूल कांग्रेस के झंडे तले अपने परदादा कमलापति त्रिपाठी की विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
वर्ष 2012 में कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश की मड़िहान सीट से विधायक रह चुके ललितेशपति त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने ममता बनर्जी से 2022 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से तृणमूल के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी, मगर ममता ने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा से एक सीट मांगेंगी। त्रिपाठी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने 2022 के विधानसभा चुनाव की संयुक्त रैलियों और पिछले साल बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में भी सपा प्रमुख को यह बात याद दिलायी थी।
त्रिपाठी ने कहा कि उसी वादे को पूरा करते हुए सपा मुखिया ने भदोही सीट तृणमूल को दी है। उन्होंने दावा किया कि भदोही सीट पर जीत के साथ उत्तर प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस का खाता खुलने जा रहा है और वह इसके जरिये अपने परदादा और कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष कमलापति त्रिपाठी की विरासत को आगे बढ़ाएंगे।
इस सवाल पर कि संगठन और कार्यकर्ताओं के बगैर भदोही सीट पर चुनाव कैसे लड़ेंगे, त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस के टिकट पर उनके पिता राजेश पति त्रिपाठी साल 2004 और 2009 में दो बार भदोही लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, इसलिए यह क्षेत्र उनके लिए नया नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा वह तृणमूल कांग्रेस के झंडे पर सपा और कांग्रेस की मदद से चुनाव जीतेंगे।
स्वाधीनता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कमलापति त्रिपाठी अप्रैल 1971 से जून 1973 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके थे।
इनपुट भाषा