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Health tips : किडनी स्टोन की समस्या आजकल आम हो गई है. आयुर्वेद में एक ऐसा पौधा है जो पथरी को जड़ से खत्म करने में मदद करता है. इसके तत्व पथरी को तोड़ने और पेशाब के रास्ते बाहर करने में मदद करते हैं.
वैद्य जमुना प्रसाद के मुताबिक, जिन महिलाओं को बार-बार वॉशरूम जाना पड़ता है, ये दरअसल एक बीमारी है. गांव में इसको कारक भी कहा जाता है. इसमें यूरिन इंफेक्शन हो जाता है. सुबह शाम पत्थरचट्टा के दो-चार पत्ते पीसकर पीने से यूरिन इंफेक्शन खत्म हो जाता है.
वैद्य जमुना प्रसाद यादव बताते हैं कि रोज सुबह पत्थरचट्टा के 2 से 3 ताजे पत्ते तोड़ें और उन्हें अच्छे से धोकर कच्चा चबाएं या पत्तों को पीसकर उसका रस निकालकर 1 से 2 चम्मच सुबह खाली पेट पिएं. इसका नियमित सेवन करने से कुछ ही हफ्तों में पथरी गलने लगती है और धीरे-धीरे शरीर से बाहर निकल जाती है. पत्थरचट्टा को बोलचाल भाषा में अजूबा भी कहा जाता है.
पेशाब में जलन से राहत, यूरिन इंफेक्शन में लाभकारी. सूजन और दर्द कम करता है. इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है. वैद्य जमुना प्रसाद यादव बताते हैं कि अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो पत्थरचट्टा पथरी के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. आयुर्वेद में इसे सस्ता, सुरक्षित और प्रभावी इलाज माना गया है.