म्योरपुर/सोनभद्र (संदीप अग्रहरि)…….

म्योरपुर। वर्षों से अधर में लटका म्योरपुर एयरपोर्ट का सपना अब साकार होने की ओर है। आदिवासी बाहुल्य इस क्षेत्र में एक लंबे इंतजार के बाद अब हवाई अड्डे का निर्माण फिर से रफ्तार पकड़ चुका है, हाईकोर्ट द्वारा स्टे हटाए जाने के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने निर्माण को फिर से शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि इस एयरपोर्ट को अब सिर्फ यात्री सुविधाओं के लिए ही नहीं, बल्कि फ्लाइंग ट्रेनिंग सेंटर के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
गौरतलब है कि यह परियोजना पहले ही वर्ष 2022 तक पूरी होनी थी, लेकिन पार्किंग क्षेत्र से जुड़ी भूमि पर विवाद के चलते मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। कोर्ट द्वारा जारी स्टे के चलते वर्षों तक निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप रहा। मगर जिला प्रशासन के सतत पैरवी और प्रयासों के चलते लगभग दो महीने पूर्व कोर्ट ने स्टे हटा लिया। अब एक बार फिर से एयरपोर्ट निर्माण को लेकर गंभीरता से काम शुरू हो चुका है। सरकार इस हवाई अड्डे को ‘उड़ान योजना’ के तहत विकसित कर रही है ताकि पूर्वांचल के इस दूरवर्ती इलाके को देश के हवाई नेटवर्क से जोड़ा जा सके।

वाराणसी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (बाबतपुर) की निगरानी में अधूरे निर्माण कार्यों की सूची तैयार की गई है, जिसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेजा गया है। अधिकारियों के अनुसार,जल्द ही प्रस्ताव स्वीकृत होते ही निर्माण कार्य को पूरी गति मिल जाएगी, राज्य सरकार की योजना के तहत म्योरपुर एयरपोर्ट को फ्लाइंग ट्रेनिंग सेंटर के रूप में भी विकसित करने की संभावना है। इसके लिए किसी संस्था को नामित करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके अधिकारियों ने हाल ही में साइट का निरीक्षण भी किया है।
जल्द ही इस दिशा में भी कार्य शुरू होगा। अगर फ्लाइंग ट्रेनिंग सेंटर बन जाती है तो इससे क्षेत्र के युवाओं को पायलट बनने का प्रशिक्षण यहीं मिल सकेगा, जिससे उन्हें दूर-दराज के शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।बता दे कि एयरपोर्ट चालू होने से सोनभद्र, रॉबर्ट्सगंज, दुद्धी, बभनी, म्योरपुर व बीजपुर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को सीधी हवाई सेवा मिल सकेगी। पर्यटन, व्यापार और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान होगी। साथ ही फ्लाइंग स्कूल स्थापित होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार व करियर के नए विकल्प खुलेंगे।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की भूमिका अहम
इस परियोजना को गति देने में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन की भूमिका सराहनीय रही है। म्योरपुर जैसे पिछड़े इलाके में हवाई सेवा की शुरुआत विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। जैसे ही अंतिम स्वीकृति मिलती है, म्योरपुर एयरपोर्ट का सपना हकीकत बनने में अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। क्षेत्र के लोगों में भी अब इसे लेकर उम्मीदें फिर से जाग उठी हैं।
दुद्धी उप जिलाधिकारी निखिल यादव ने बताया कि पूर्व में पार्किंग क्षेत्र को लेकर कुछ विवाद था। जिसपर हाई कोर्ट द्वारा स्टे लगाया गया था। लगभग दो माह पूर्व कोर्ट द्वारा स्टे हटाया गया।