दुद्धी/सोनभद्र (जितेन्द्र अग्रहरी)……….

प्रदेश सरकार की जननी शिशु सुरक्षा योजना कागजों पर जितनी आदर्श लगती है, दुद्धी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जमीनी हकीकत उतनी ही डरावनी है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को बेहतर देखभाल, पोषण और इलाज मुहैया कराना है। योजना के तहत अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क नाश्ता, दो वक्त का भोजन, दूध और अंडा देने का प्रावधान है। वही बुधवार को जब सीएचसी दुद्धी में पहुंच लोगो से बात की गई , तो व्यवस्थाओं की पोल खुलती नजर आई।
20 दिन से नहीं मिला खाना, दूध और अंडा तो सिर्फ कागजों में–
अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओं से जब बात की, तो उनके चेहरे की थकान और आंखों की निराशा ने सरकारी दावों की हवा निकाल दी। प्रियंका, मीना देवी, राजमणि देवी और सविता देवी सहित कई महिलाओं ने बताया कि वे कई दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन उन्हें आज तक अस्पताल की ओर से एक समय का खाना भी नसीब नहीं हुआ।

एक महिला ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां करीब 20 दिनों से कुछ खाना वगैरा नहीं मिल रहा, दूध और अंडा तो छोड़िए, एक बार भी नाश्ता या खाना नहीं दिया गया। परिवार से मंगवाकर जैसे-तैसे दिन काट रहे हैं गर्भवती महलाएं।”
“इलाज कराना है तो चुप रहो”—
महिलाओं ने बताया कि जब उन्होंने स्टाफ से भोजन या नाश्ते की मांग की, तो उन्हें झिड़क दिया गया।“कहा गया कि इलाज कराना है तो चुपचाप कराओ, वरना बाहर जाओ।

गंदगी और बदबू के बीच इलाज
सीएचसी दुद्धी की साफ-सफाई की स्थिति भी चिंताजनक है। अस्पताल के शौचालयों में गंदगी भरी है,कीटनाशक दवाओं का कोई प्रबंध नहीं है। मरीजों को गंदगी के बीच रहकर इलाज करवाना पड़ रहा है, एक गर्भवती महिला ने कहा,“यहां कोई सफाई नहीं होती। मच्छर काटते हैं, बदबू आती है, हम बस दुआ कर रहे हैं कि जल्दी डिलीवरी हो जाए और हम यहां से निकलें।”

दीवारों पर मेनू, थाली में सन्नाटा
जबकि हर अस्पताल परिसर की दीवारों पर साफ-साफ लिखा होता है कि मरीजों को कब-कब क्या खाना दिया जाएगा—दूध,अंडा, खिचड़ी,दलिया,रोटी-सब्जी.लेकिन ये सब सिर्फ दीवारों तक सीमित है।थाली में नाश्ता नहीं, प्लेट में पोषण नहीं।
प्रशासनिक चुप्पी खतरनाक, जांच की मांग तेज
इस स्थिति ने स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब अस्पताल में भर्ती महिलाओं को बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा रहीं, तो जिम्मेदार अधिकारी चुप क्यों हैं? क्या योजनाओं का लाभ सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएगा?

लोगो ने सीएचसी दुद्धी में जननी शिशु सुरक्षा योजना के क्रियान्वयन की जांच तथा महिलाओं को तत्काल भोजन, पोषण और स्वच्छता मुहैया कराने की मांग की है।