दुद्धी/सोनभद्र (जितेन्द्र अग्रहरी)……

नगर पंचायत दुद्धी में स्थित ब्रिटिश काल की सैकड़ों वर्ष पुरानी गेस्ट हाउस हवेली, जो अब जर्जर होकर खंडहर में तब्दील हो चुकी है, एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई है। जैसे ही इस ऐतिहासिक धरोहर की जानकारी जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह और पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा को हुई, दोनों अधिकारी खुद को वहां पहुंचने से रोक नहीं पाए। सोमवार को दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर इस प्राचीन विरासत का गहन निरीक्षण किया और इसके संरक्षण को लेकर गंभीर रुचि दिखाई।
चर्च के लोगों से ली जानकारी
गेस्ट हाउस का निरीक्षण करते समय अधिकारियों ने वहां मौजूद चर्च के पदाधिकारियों से इस हवेली के इतिहास और इसके महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा की। बताया गया कि यह हवेली ब्रिटिश शासन के दौरान बनवाई गई थी और तब इसे एक गेस्ट हाउस के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। चर्च से जुड़े लोगों ने इसके निर्माण, उपयोग और ऐतिहासिक महत्व के बारे में कई अहम जानकारियां साझा कीं, जिससे अधिकारियों को इस धरोहर की ऐतिहासिकता का अंदाजा हुआ।

जीर्णोद्धार की बन सकती है योजना, मांगी गई पूरी डिटेल
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह और एसपी अशोक मीणा ने गेस्ट हाउस की मौजूदा हालत का जायजा लेते हुए इसकी तस्वीरें भी खिंचवाईं। अधिकारियों ने साफ संकेत दिए कि इस धरोहर को फिर से संवारने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। जिलाधिकारी ने तत्काल संबंधित संस्था से इस ऐतिहासिक भवन की पूरी डिटेल और उसके स्वामित्व से जुड़ी जानकारी मांगी है ताकि इसके जीर्णोद्धार की प्रक्रिया को औपचारिक रूप दिया जा सके।
स्थानीय लोग भी हुए शामिल, जताई खुशी
इस ऐतिहासिक धरोहर के निरीक्षण के दौरान नगर के कई गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी भी मौजूद रहे। लोगों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि वर्षों से उपेक्षित इस ऐतिहासिक गेस्ट हाउस को नया जीवन मिलेगा और यह पर्यटन के मानचित्र पर दुद्धी को नई पहचान दिला सकता है।

विरासत को सहेजने की दिशा में एक मजबूत कदम
जिला प्रशासन की यह पहल न केवल अतीत की धरोहरों को सहेजने की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को इतिहास से जोड़ने का प्रयास भी है। यदि इस ऐतिहासिक गेस्ट हाउस का सफलतापूर्वक जीर्णोद्धार हो जाता है, तो यह क्षेत्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है।