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Paddy Cultivation: बरसात के सीजन में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और इस खेती से किसानों को अच्छी आमदनी भी होती है. लेकिन धान की खेती सीजन के हिसाब से की जाएं तो यह अच्छी उपज तो देती ही है, साथ ही रोग ल…और पढ़ें

खरीफ सीजन में हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. हर क्षेत्र की अपनी चुनौतियां हैं. कहीं पानी की कमी है, तो कहीं बाढ़ की समस्या ऐसे मे किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के अनुसार धान की उपयुक्त किस्म का चयन करना चाहिए. सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए कम पानी में भी अच्छी पैदावार देने वाली किस्में उपलब्ध हैं. वहीं बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए जलरोधी किस्में मौजूद हैं. स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल उन्नत किस्मों का चयन करने से किसानों को बेहतर उपज प्राप्त होगी. इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और फसल को नुकसान का जोखिम भी कम होगा.

कृषि उपनिदेशक श्रवण कुमार ने लोकल 18 से बातचीत में बताया खरीफ क़े सीजन मे धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती हैं और इसकी खेती से किसानो अच्छी कमाई भी होती है.धान की खेती तो अच्छी होती है, लेकिन कभी-कभी सूखा बाढ़ व पानी की कमी से फसलों की पैदावार नहीं हो पाती. ऐसे मे कुछ उन्नत किस्मे हैं, जो बाढ़ वह सूखे की स्थिति में भी अच्छी पैदावार कर सकते हैं.

जिन क्षेत्र में बाढ़ की सम्भावना रहती है वह पर किसान स्वर्णा-सब 1 का भी चयन कर सकते हैं. इसे तैयार होने में करीब 140-145 दिन लगते हैं. अगर खेत में 15 दिन तक पानी का भराव रहता है, तो भी यह फसल ख़राब नहीं होगी, लेकिन इस किस्म के चावल मोटे और छोटे होते हैं. इससे किसानों को पांच टन तक उपज मिल सकती है.

इसके आलावा जहां पानी की समस्या है, तो धान की पूसा डीएसटी चावल 1 किस्म अच्छी है. यह किस्म लवणीय मिट्टी में भी अच्छा उत्पादन देगी. इसकी एक खासियत यह भी है कि यह कठिन परिस्थितियों में 20% तक उत्पादन बढ़ाने में सक्षम है.

वहीं जिन इलाको में बारिश समान रूप से नहीं होती है, अनियमित होती है तो सीआर धान 108 धान की किस्म का चुनाव करें. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि यह किस्म तैयार होने में करीब 112 दिन लगता है और इसकी पैदावार भी अच्छी होती है.

किसानों को अगर पानी की बचत करने वाली फसल चाहिए तो पूसा बासमती 1509 धान की किस्म का चुनाव करें, जो 33% तक पानी बचाएगी. तथा जल्दी पक भी जायेगी. सिर्फ 120 दिन में तैयार हो जायेगी.

पूसा-2090 किस्म यह भी अच्छी किस्म है. एक समय में तैयार होने के लिए जानी जाती है. बता दे कि यह 120-125 दिन में तैयार हो जाती है. एक एकड़ इसकी खेती करने पर 35 क्विंटल तक औसत उत्पादन मिल सकता है. इससे किसानों को कई फायदे हैं.
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