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Chitrakoot News: चित्रकूट में कारीगरों के लिए यूपी सरकार ने कौशल उन्नयन प्रशिक्षण और टूलकिट योजना शुरू की है, जो ODOP कार्यक्रम के तहत काष्ठ कला को बढ़ावा देगी. आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून 2025 है.
कारीगरों के लिए शुरू हुई टूलकिट योजना
हाइलाइट्स
- चित्रकूट में कारीगरों के लिए टूलकिट योजना शुरू की गई.
- आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून 2025 है.
- योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करें.
चित्रकूट: चित्रकूट के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कारीगरों और हस्तशिल्पियों के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने कौशल उन्नयन प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना की शुरुआत की है. यह योजना कारीगरों को उनके हुनर को नई पहचान देने के साथ रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने में मदद करेगी. इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण और आवश्यक औजार (टूलकिट) प्रदान करना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने काम को और बेहतर तरीके से बढ़ा सकें.
कौन लाभ उठा सकते हैं?
यह योजना उन स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों के लिए है जो पारंपरिक विधाओं में दक्ष हैं, लेकिन संसाधनों और प्रशिक्षण की कमी के कारण अपने हुनर का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. इस योजना के तहत, लाभार्थियों को न केवल उन्नत प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि उनके काम को आसान और प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक औजार भी दिए जाएंगे.
उप आयुक्त उद्योग की जानकारी
चित्रकूट के उप आयुक्त उद्योग एस.के. केशरवानी ने बताया कि यह योजना ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ODOP) कार्यक्रम के तहत चल रही है. ODOP के अंतर्गत जिले की पारंपरिक काष्ठ कला उत्पाद, बुढ़ेन गुड्स और लकड़ी के खिलौनों को प्राथमिकता दी गई है, जिन्हें शासन द्वारा आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है. इन उत्पादों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए शासन ने इनका आर्थिक दृष्टिकोण से भी सशक्तिकरण करने का कदम उठाया है.
ऑनलाइन आवेदन की लास्ट डेट
जो कारीगर इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन की प्रक्रिया http://msme.up.gov.in वेबसाइट पर चल रही है और इसकी अंतिम तिथि 30 जून 2025 है. आवेदन करने के बाद पात्र व्यक्तियों को टूलकिट वितरण की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा. इसके लिए आवेदक का चित्रकूट जिले का मूल निवासी होना चाहिए, न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए, और शैक्षिक योग्यता की कोई शर्त नहीं है. आवेदन केवल ऑनलाइन ही स्वीकार किए जाएंगे.
आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक और कदम
यह योजना पारंपरिक शिल्प और कारीगरी को आधुनिक तकनीकों के साथ जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसके माध्यम से कारीगरों को न केवल हुनर की पहचान मिलेगी, बल्कि स्वरोजगार और छोटे उद्यमों को भी बढ़ावा मिलेगा. इस योजना से कारीगरों को बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जाएगा. इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए इच्छुक लाभार्थी संबंधित कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं या इस मोबाइल नंबर 8840112831 पर सीधे बात कर सकते हैं.