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famous Sweet Shop Aligarh UP: अगर आप मीठा खाने के बहुत शौकीन हैं, तो आज हम अलीगढ़ में पेड़े की ऐसी दुकान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके पेड़े एक बार आपने चख लिए तो आप भूल नहीं पाएंगे.
पेड़े
हाइलाइट्स
- राकेश खंडेलवाल की दुकान पर मिलते हैं मशहूर पेड़े
- पेड़े की कीमत ₹400 प्रति किलो, दूर-दूर से आते हैं लोग
- 1990 से बना रहे हैं पेड़े, कई वैरायटी उपलब्ध
अलीगढ़:- अगर आप मीठा खाने के बहुत शौकीन हैं, तो उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के तस्वीर महल चौराहे पर ऐसी दुकान है, जिसकी मिठास की खुशबू हर राहगीर को अपनी ओर खींच लेती है. दरअसल हम बात कर रहे हैं, राकेश खंडेलवाल की मशहूर दुकान की. इनके यहां के लाजवाब पेड़े अलीगढ़ की पहचान बन चुके हैं. दशकों से यहां बन रहे ये खास पेड़े अपने स्वाद की वजह से लोगों के पसंदीदा बन चुके हैं. अगर आप अलीगढ़ आएं और राकेश खंडेलवाल के पेड़े न चखें, तो मानिए आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी. तो चलिए जानते हैं कैसे बनाते हैं ये पेड़े और क्या है इनका रेट
400 रुपये किलो है रेट
इसके बारे में जानकारी देते हुए दुकानदार राकेश खंडेलवाल बताते हैं, कि हमारे यहां गांव से प्योर दूध आता है. इसी प्योर दूध से हम खोवा बनाते हैं. फिर इसको हम भूनते हैं. इसके बाद यह खोवा पेड़े के लिए तैयार हो जाता है और इसमें केवड़ा व इलायची का मिश्रण भी मिलाया जाता है. आगे वे बताते हैं, हमारे यहां पेड़े की कीमत ₹400 प्रति किलो है. जिसे खाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. वे बताते हैं, कि अलीगढ़ के अलावा दिल्ली, आगरा, गाजियाबाद, बुलंदशहर में भी हमारे पेड़े जाते हैं. इन पेड़ों की एक खास बात यह भी है कि यह बेहद स्वादिष्ट होते हैं और आपको इन पेड़ों को खाने के लिए मथुरा तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि मथुरा जैसे स्वादिष्ट पेड़े हमारे यहां अलीगढ़ में ही मिल जाते हैं. इनकी हमारे यहां काफी डिमांड रहती है.
1990 से बना रहे हैं पेड़े
राकेश खंडेलवाल आगे बताते हैं कि हमारे यहां पेड़ों की कई वैरायटी हैं. जिनमें इलायची वाला पेड़ा, केवड़ा वाला पेड़ा, केसर वाला पेड़ा और नारियल बुरादा वाला पेड़ा है. आगे वे बताते हैं, कि पेड़ों की डिमांड मंगलवार और शनिवार को ज्यादा होती है क्योंकि यहां के लोग इन पेड़ों का प्रसाद के रूप में इस्तेमाल करते हैं. इसलिए मंगलवार और शनिवार को पेड़ों की बिक्री ज्यादा होती है. वहीं, 1990 से लगातार हमारे यहां पेड़ा बनाने का काम होता आ रहा हैं.