Sonbhadra News – ओबरा, हिन्दुस्तान संवाद। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रबन्ध निदेशक डा रूपेश
ओबरा, हिन्दुस्तान संवाद। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के प्रबन्ध निदेशक डा रूपेश कुमार ने शुक्रवार को ओबरा तापीय परियोजना का दौरा किया। उन्होंने ओबरा ब ताप विद्युत गृह के स्विच यार्ड में 400 केवीए के आईसीटी ट्रांसफार्मर में लगी आग का निरीक्षण कर जायजा लिया। इस दौरान प्रबंध निदेशक ने कहा कि जांच टीम गठित कर दी गयी है। आग लगने के सभी पहलुओ को बारीकी से देखा जायेगा। जांच के बाद दोषियों को बख्शा नही जायेगा। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों के हर पहलू पर गंभीरता से जांच होगी। कहा कि जब परियोजना की स्थापना हुयी थी तभी से ब्रेकर लगा हुआ है उस ब्रेकर को तत्काल बदला जायेगा।
एमडी ने कहा कि ओबरा डी परियोजना पर काम चल रहा है। कोयला मंत्रायल सीसीएल और एससीसीएल से कोयला ओबरा डी से देना चाह रहा था, चूकि दूरी काफी होने से बिजली की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पडता इसीलिये कोयला मंत्रायल से एनसीएल से कोयला दिलाने की मांग की गयी है जिससे ओबरा डी से सस्ती बिजली का उत्पादन हो सके। उन्होंने कहा कि ओबरा डैम से पानी लेने के लिये भी औपचारिकताए पूरी की जा रही है। इस मौके पर निदेशक तकनीकी अश्विनी त्रिपाठी, मुख्य महाप्रबन्धक आरके अग्रवाल भी मौजूद रहे। तापीय परियोजना के ब ताप विद्युत गृह के इंटर कनेक्टिंग ट्रांसफार्मर में गुरुवार की सुबह आग लगने के बाद सुरक्षा को लेकर बंद की गई 10वीं तथा 11वीं इकाई को बंद कर दिया गया था। बंद दोनों इकाईयों से कुछ ही घंटों में अभियंताओं ने चालू कर उत्पादन शुरू कर दिया है। मुख्य महाप्रबंधक ई. आरके अग्रवाल के नेतृत्व में अभियंताओं ने युद्धस्तर पर प्रयास कर शाम 3 बजकर 57 मिनट पर 10वीं इकाई को चालू कर लिया गया तथा 11वीं इकाई को रात्रि 10 बजकर 49 मिनट पर चालू कर लोड पर लेकर बिजली उत्पादन शुरू कर दिया गया है। समाचार दिए जाने तक ब ताप घर के 9वीं इकाई से 117 मेगावाट, 10वीं इकाई से 107 मेगावाट, 11वीं इकाई से 86 मेगावाट, 12वीं इकाई से 108 मेगावाट तथा 13वीं इकाई से 111 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा था। वही ओबरा सी परियोजना की पहली इकाई से 597 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है।