भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का सिलसिला जारी है. भारत की तरफ से सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमला किया जा रहा है, लेकिन पाकिस्तान भारत के रिहायशी क्षेत्रों में भी रॉकेट लॉन्चर, मिसाइलों से हमला करने का प्रयास कर रहा है. हालांकि, उसके सारे प्रयास भारतीय आर्मी नाकामयाब करने में सफल साबित हो रही है. भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान के हर हमलों का मुंह तोड़ जवाब दिया है.वैसे, किसी भी युद्ध का अंजाम और उसका असर उस देश के लोगों पर नकारात्मक रूप से न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी होता है. इस समय लोग दहशत के माहौल में जी रहे हैं. वहीं, पाकिस्तान द्वारा परमाणु हमले की धमकी देने के बाद ही भारत ने इतना बड़ा कदम उठाया. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत अब तक कई पाकिस्तानी आतंकवादियों और उनके संगठनों के ठिकानों को नष्ट किया जा चुका है.
क्या हो अगर परमाणु हमला किया जाए?
परमाणु बम (Nuclear bomb) से हमला करना बेहद ही खतरनाक होता है. आपने किताबों में भी सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बारे में पढ़ा होगा, जब जापान में हिरोशिमा, नागासाकी पर अमेरिका द्वारा परमाणु बम से अटैक किया गया था. इससे जो विस्फोट हुआ था , उससे निकलने वाले रेडिएशन से लाखों लोगों की जान चली गई थी. रेडिएशन का असर इतना भायवह होता है कि सेहत पर इसका वर्षों असर होता है. ऐसे में अगर ऐसी परिस्थिति बन जाती है कि परमाणु अटैक करने की नौबत आ जाए तो इसके नकारात्मक असर से कैसे बचा जा सकता है?
परमाणु बम के सेहत पर होने वाले साइड एफेक्ट्स
परमाणु बम से कई तरह के नकारात्मक प्रभाव इंसानों को हो सकता है. इसमें मृत्यु तत्काल होती है. साथ ही शरीर पर कई तरह की गंभीर चोट, विकिरण (radiation), लॉन्ग टर्म हेल्थ संबंधित समस्याएं होती हैं. जब परमाणु बम विस्फोट करता है तो उससे निकलने वाले विकिरण के संपर्क में आने से बल्ड सेल्स में कमी, उल्टी, डायरिया, हेयर फॉल, कैंसर, बांझपन, बच्चों में जन्मदोष जैसे गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं. सांस संबंधित समस्याएं, हार्ट डिजीज, कान, आंख को नुकसान भी हो सकता है.इससे पर्यावरण को भी भारी नुकसान होता है, जिसका नेगेटिव असर इंसानों की सेहत पर वर्षों कई तरह के जोखिम पैदा करते रहते हैं. विस्फोट से गर्मी बढ़ती है, रेडिएशन के कारण त्वचा के जलने, क्षतिग्रस्त होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है.
परमाणु बम के रेडिएशन से बचाव के तरीके
वैसे तो फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं कि परमाणु बम से हमला किया जाए, लेकिन भिवष्य में ऐसी स्थिति आती भी है तो रेडिएशन के प्रभाव से आप खुद को किसी तरह से बचा सकते हैं, ये जानना जरूरी है. हालांकि, जिस एरिया में परमाणु बम फेंका जाता है, वहां तो काफी दूर-दूर तक जान बचने की उम्मीद नहीं होती, लेकिन दूर के इलाकों में रहने वाले इस रेडिएशन के प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय जरूर ट्राई कर सकते हैं, ताकि सेहत को कोई नुकसान न हो.
– आप जिस जगह भी रहते हों, अगर परमाणु अटैक होता भी है और आप उसमें भगवान की दुआ से बच जाते हैं तो बेहद जरूरी है खुद को रेडिएशन के असर से बचाना. रेडिएशन फैलने के कारण किसी सेफ जगह पर ही छिपे रहने की कोशिश करें.
– कोई ऐसी जगह हो जो ठंडी और बंद हो. यहां से एक-दो दिनों तक बाहर निकलने का प्रयास न करें.
– कई बार हवा में रेडिएशन के कण फैलते हैं, जो आपके कपड़ों में भी चिपक सकते हैं. ऐसे में कपड़े को तुरंत उतार कर कहीं बॉक्स, प्लास्टिक बैग में डालकर रख दें. आप अपने घर के सदस्यों और पेट्स से भी इसे दूर छिपाकर रखें.
-रेडिएशन से निकलने वाले छोटे कण आपके बाल, खुले शरीर के भाग में चिपक सकते हैं. ऐसे में आप तुरंत स्नान कर लें. भले आप उस स्थान पर न हों, जहां बम से भारी तबाही हुई हो, लेकिन उसका असर वातावरण में दूर तक होता है. बेहतर है कि आप घर में रहें और स्नान कर लें. त्वचा को बहुत अधिक रगड़े नहीं.
– बाहर जाने से बचें. अपने घर में ही रहें. खिड़की और दरवाजे सभी बंद कर लें ताकि बाहर की हवा अंदर न आ सके. अपने घर के सभी एग्जॉस्ट फैन भी चलाकर रखें. इससे आप रेडिएशन के संपर्क में आने से बचे रह सकते हैं.
– अपने देश की सरकार द्वारा जारी किए गए सभी नियमों, मानकों को फॉलो करें. वैसे तो ऐसी स्थिति आनी ही नहीं चाहिए, जिसमें परमाणु युद्ध हो, क्योंकि इसके परिणाम बहुत ही घातक होते हैं. लाखों लोगों की जानें जा सकती हैं और जो लोग बच भी जाते हैं तो उन्हें वर्षों रेडिएशन के दुष्प्रभाव का खतरा बना रहता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)