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OPINION, DU Cow Dung: डीयू के लक्ष्मीबाई कॉलेज में दीवारों पर गोबर पोतने को लेकर विवाद चल रहा है. प्रिंसिपल ने इसे रिसर्च बताया, जबकि डूसू अध्यक्ष ने विरोध में प्रिंसिपल के ऑफिस में गोबर पोता. आखिर ये शिक्षा के…और पढ़ें
Delhi University, OPINION: लक्ष्मीबाई कॉलेज में गोबर को लेकर विवाद.
हाइलाइट्स
- डीयू के लक्ष्मीबाई कॉलेज में गोबर पोतने पर विवाद.
- प्रिंसिपल ने गोबर पोतने को रिसर्च बताया.
- डूसू अध्यक्ष ने विरोध में प्रिंसिपल के ऑफिस में गोबर पोता.
OPINION, DU Cow Dung: हमारे देश में मां सरस्वती को शिक्षा की देवी और स्कूल-कॉलेजों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है. देश में एक से बढ़कर एक कॉलेज हैं. खासतौर से जब चुनिंदा संस्थानों की बात आती है, तो उसमें डीयू यानी दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) से लेकर जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) का नाम आता है. अगर दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की बात करें, तो इसके चार कैंपस हैं – नॉर्थ कैंपस, साउथ कैंपस, ईस्ट कैंपस और वेस्ट कैंपस. इस यूनिवर्सिटी से वर्तमान में 91 कॉलेज संबद्ध हैं. एनआईआरएफ रैंकिंग (NRIF) में डीयू 6वें नंबर पर आता है. हर साल डीयू में एडमिशन के लिए देश भर से हजारों की संख्या में फॉर्म आते हैं, लेकिन यहां एडमिशन कुछ गिने-चुने युवाओं को ही मिल पाता है. जिस डीयू के कॉलेजों में हजारों स्टूडेंट्स हर साल एडमिशन को तरसते हैं, उसमें गोबर का खेल चल रहा है. जी हां, आपने सही पढ़ा…
जहां बात शिक्षा की होनी चाहिए थी, वहां गोबर पर बहस चल रही है. जहां बात कुछ इनोवेशन की होनी चाहिए, वहां हम क्लासरूम में गोबर लगाएं या ऑफिस में, इस पर वाद-विवाद चल रहा है. जहां बात कुछ रिसर्च की होनी चाहिए, वहां गोबर पर रिसर्च हो रहा है. यह मामला है डीयू के लक्ष्मीबाई कॉलेज का. यहां इन दिनों दीवारों पर गोबर पोतने को लेकर बहस छिड़ गई है. असल में हाल ही में यहां की प्रिंसिपल प्रोफेसर प्रत्युष वत्सला का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह क्लासरूम की दीवारों पर गोबर पोतते हुए नजर आईं. इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आने लगीं. इसको लेकर कुछ यूजर्स ने प्रिंसिपल की आलोचना भी की, जिसके बाद इस पर सफाई देते हुए प्रिंसिपल ने इसे एक रिसर्च का हिस्सा बताया था और कहा था कि गोबर के लेप से दीवारों को ठंडा रखा जा सकता है.
अभी प्रिंसिपल के गोबर पोतने का मामला चल ही रहा था कि इसको लेकर स्टूडेंट्स भी आक्रोशित हो गए. इसी क्रम में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन (DUSU) के प्रेसिडेंट रौनक खत्री भी गोबर लेकर प्रिंसिपल प्रत्युष वत्सला के ऑफिस में पहुंच गए और उनकी ऑफिस की दीवारों पर गोबर पोतने लगे. इस दौरान वाइस प्रिंसिपल लता शर्मा ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उनसे बहस भी हुई. लता शर्मा उन्हें रोकने की कोशिश करती हैं और उन्हें बताती हैं कि प्रिंसिपल मैम अभी ऑफिस में नहीं हैं. आप उनकी गैरमौजूदगी में कुछ मत करिए. इस पर रौनक खत्री कहते हैं कि क्यों नहीं हैं? क्लासरूम में जब गोबर लगाया गया तो स्टूडेंट्स वहां पर नहीं थे. वाइस प्रिंसिपल कहती हैं कि क्लासरूम कॉलेज का है, क्या आप इस कॉलेज के स्टूडेंट हैं? जिस पर रौनक खत्री कहते हैं, मैं डूसू का अध्यक्ष हूंं. यह कहते हुए रौनक ने प्रिंसिपल के ऑफिस की दीवारों पर गोबर पोत दिया. इस दौरान उनके साथ कुछ स्टूडेंट्स भी मौजूद रहे. अब इस घटना का भी वीडियो वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे बदला बता रहे हैं तो कुछ इस गोबर के खेल की आलोचना कर रहे हैं.
ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि शिक्षा के मंदिर में ये गोबर का खेल क्यों चल रहा है? आखिर इससे स्टूडेंट्स को क्या फायदा होने वाला है? प्रिंसिपल से लेकर डूसू अध्यक्ष तक पढ़ाई-लिखाई और व्यवस्था-अव्यवस्था की बात न करके दीवारों पर गोबर पोतने और गोबर पर रिसर्च करने में जुटे हैं. इस तरह का माहौल कॉलेज कैंपसों के लिए उचित नहीं है. ये कहना गलत नहीं होगा कि इससे हम आने वाली पीढ़ी या पढ़ने वालों के सुनहरे भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. हमें ये सोचना होगा कि न जाने कितने मां-बाप बड़े अरमानों से अपने लाड़ले-लाड़लियों को यहां पढ़ने के लिए भेजते हैं. वह उनके उज्ज्वल भविष्य के सपने देखते हैं और यहां है कि गोबर का खेल चल रहा है.