असम में सरकारी काम के लिए असमिया भाषा अनिवार्य।
असम की सरकार ने राज्य में सरकारी कार्यों के लिए असमिया को अनिवार्य आधिकारिक भाषा घोषित कर दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को इस बारे में घोषणा की है। हालांकि, इस फैसले में राज्य के बराक घाटी के तीन जिलों और बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) के अंतर्गत आने वाले पांच जिलों को अलग रखा गया है। आइए जानते हैं असम सरकार के इस फैसले के बारे में सबकुछ।
किन कार्यों में इस्तेमाल होगी असमिया?
असम सरकार की ओर से जारी की गई आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि सभी सरकारी नोटिफिकेशन, ऑफिस मेमो, कानून, नियम, रेगुलेशन, योजना दिशानिर्देश, ट्रांसफर और पोस्टिंग आदि के आदेश अंग्रेजी और असमिया दोनों ही भाषा में जारी किए जाएंगे।
क्या बोले सीएम हिमंता?
सरकारी कार्यों में असमिया भाषा को अनिवार्य किए जाने के फैसले के बारे में असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने X पर एक पोस्ट में कहा- “इस बोहाग से असम में सभी सरकारी नोटिफिकेशन, आदेशों, कानून आदि के लिए असमिया अनिवार्य आधिकारिक भाषा होगी। वहीं, बराक घाटी और बीटीआर के जिलों में क्रमशः बंगाली और बोडो भाषाओं का उपयोग किया जाएगा।”
इन जिलों में इस्तेमाल होंगी अलग भाषाएं
असम सरकार की आधिकारिक अधिसूचना में जानकारी दी गई है कि राज्य के बराक घाटी के कछार, हैलाकांडी और श्रीभूमि जिलों में आधिकारिक कार्यों के लिए अंग्रेजी के अलावा बांग्ला भाषा का भी उपयोग किया जाएगा। वहीं, BTR के तहत आने वाले कोकराझार, चिरांग, बक्सा, उदलगुरी और तामुलपुर में आधिकारिक कार्यों के लिए अंग्रेजी के अलावा बोडो भाषा का भी इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि ये फैसला असम के सीएम हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में 4 अपैल को आयोजित कैबिनेट की बैठक में किया गया है।
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