उद्धव ठाकरे
मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर समाज में जहर घोलने का आरोप लगाया और अपने समर्थकों से सत्तारूढ़ पार्टी के पसंदीदा ‘जय श्री राम’ नारे का जवाब ‘जय शिवाजी’ और ‘जय भवानी’ से देने को कहा। वह यहां एक कार्यक्रम में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
‘जय शिवाजी’ और ‘जय भवानी’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई ‘जय श्री राम’ कहता है, तो ‘जय शिवाजी’ और ‘जय भवानी’ के जवाब के बिना उसे जाने न दें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने हमारे समाज में जहर घोल दिया है। उन्होंने हमारे समाज के साथ जो किया है, उसके लिए मैं भाजपा को माफ नहीं करूंगा।’’ ठाकरे ने अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों पर भाजपा के रुख का हवाला देते हुए देश के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जहां भाजपा नेता एक समय पाकिस्तान के साथ खेल आयोजनों का विरोध करते थे, वहीं भारत अब पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों के साथ क्रिकेट मैच खेल रहा है।
किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा करनी चाहिए
शिवसेना प्रमुख ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाल ही में विधानसभा में दिए गए उस कटाक्ष का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘मैं उद्धव ठाकरे नहीं हूं जो चल रही परियोजनाओं पर रोक लगा दूं।’’ पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि अगर फडणवीस उनका अनुकरण करना चाहते हैं तो उन्हें किसानों के लिए ऋण माफी की घोषणा करनी चाहिए और 10 मार्च को पेश होने वाले बजट में ‘शिव भोजन’ और ‘लाडकी बहिन’ योजनाओं जैसी पहलों के लिए संशोधित धनराशि आवंटित करनी चाहिए।
मुंबई को आर्थिक रूप से कमजोर करने का आरोप
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार पर मुंबई में धारावी के पुनर्विकास जैसी परियोजनाओं में अदाणी समूह का पक्ष लेने और शहर को आर्थिक रूप से कमजोर करने का आरोप लगाया। यहां पार्टी के एक कार्यक्रम में ठाकरे ने मुंबई के लिए गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्ट) सिटी जैसी सुविधाओं और प्रोत्साहनों की मांग की और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महानगर की आर्थिक स्थिति को व्यवस्थित तरीके से कमजोर करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘गिफ्ट सिटी को दी जाने वाली सब्सिडी और सुविधाएं मुंबई को भी दी जानी चाहिए। भाजपा जानबूझकर मुंबई की आर्थिक स्थिति को कमजोर बना रही है।’’ राज्य के पूर्व मंत्री ने प्रमुख परियोजनाओं और मुख्यालयों को मुंबई से गुजरात और दिल्ली में स्थानांतरित करने की भाजपा की नीतियों की आलोचना की और महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘कई कंपनियों के मुख्यालय मुंबई से बाहर स्थानांतरित हो गए हैं। इससे शहर को क्या फायदा होगा? झारखंड और वाराणसी में भी लोग पूछते हैं कि नयी परियोजनाएं अन्य राज्यों के बजाय गुजरात में क्यों जा रही हैं।’’
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि बृह्नमुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) उपक्रम की बस सेवाओं पर वित्तीय दबाव डालने का जानबूझकर प्रयास किया जा रहा है, जिससे इसके बेड़े की बसों की संख्या 4,000 से घटकर 1,500-2,000 रह गई है। (भाषा)