मणिपुर के कांगपोकपी जिले के लेइमाखोंग मिलिट्री स्टेशन पर एक ठेकेदार के पर्यवेक्षक, लैशराम कमलबाबू सिंह के 25 नवंबर को लापता होने के बाद शनिवार शाम उनकी पत्नी ने सुरक्षा कर्मियों के सामने बैरिकेड्स के पास धरना दिया। लैशराम कमलबाबू सिंह (56 वर्ष) की पत्नी, अकोइजाम निंगोल लैशराम ओंओबी बेलरानी ने कहा, मैं यहां से तब तक नहीं जाऊंगी जब तक मेरे पति मुझे सौंपे नहीं जाते।
धरने पर बैठी बेलरानी ने क्या कहा?
यह विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब लैशराम लापता हो गए थे। बेलरानी ने बताया कि सोमवार दोपहर से बाबू का फोन बंद था, जिससे उनकी चिंता और बढ़ गई थी। उन्होंने कहा, “मैंने 25 नवंबर को उनसे संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन उनका फोन बंद था। मैंने आज ही काछार से सुना कि वह लापता हो गए हैं।” लैशराम असम के काछार जिले के निवासी थे। अपने भाई के घर लैतांग खुंओ में रहकर मिलिट्री कैंप में काम कर रहे थे। बेलरानी ने कहा कि सेना को उनके पति को जीवित और सुरक्षित खोजने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग
मणिपुर में यह घटना व्यापक विरोध का कारण बनी है और इम्फाल घाटी में सरकारी अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है। सार्वजनिक आक्रोश के बाद सेना ने लैशराम के लिए तलाशी अभियान तेज करने की पुष्टि की है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी सेना से लापता व्यक्ति को खोजने की जिम्मेदारी ली है। इस मामले में सेकमाई पुलिस थाने में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है।
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