संभल: यूपी के संभल में दंगल जारी है। समाजवादी पार्टी ने अपने प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने से रोके जाने पर नया दांव खेल दिया है। सपा ने संभल पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया है। सपा ने मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपए देने का ऐलान किया है और राज्य सरकार से 25 लाख देने की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल आज सपा का प्रतिनिधिमंडल संभल हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए जा रहा था लेकिन उसे रास्ते में ही रोक दिया गया। जिसके बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव भड़के हुए नजर आए और उन्होंने कहा,’प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।’
अखिलेश ने कहा, ‘भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साज़िशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाई करके बर्ख़ास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए। भाजपा हार चुकी है।’
सपा के प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन था?
सपा प्रतिनिधिमंडल में सपा नेता माता प्रसाद पांडेय, लाल बिहार यादव, श्याम लाल पाल, हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, नीरय मौर्य, कमाल अख्तर, रविदास मेहरोत्रा, नवाब इकबाल महमूद, पिंकी सिंह यादव, अली अंसारी, जयवीर सिंह यादव और शिवचरण कश्यप थे।
सपा नेता माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई थी। अपने घर के बाहर पुलिस की तैनाती पर उन्होंने कहा था कि गलत कामों को छिपाने के लिए मुझे रोका जा रहा है। हम मृतकों के परिजनों से मिलना चाहते थे। उन्होंने कहा कि गलत कामों को छिपाने के लिए हमें रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि संभल में फिलहाल पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में है। वहीं संभल जिले में बाहरी लोगों के आने की मनाही है। फिलहाल संभल जिले के डीएम ने साफ कर दिया है कि जिले में धारा 163 लागू है और जिले में किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश बगैर अनुमति प्रतिबंधित है।