रजनीश यादव /प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से होने वाली पीसीएस और समीक्षा अधिकारी जैसी प्रमुख परीक्षाओं में बदलाव को लेकर तैयारी कर रहे छात्रों ने लोक सेवा आयोग पहुंचकर जमकर विरोध किया. इस दौरान लगभग 30 हजार की संख्या में प्रतियोगी छात्र पहुंच गए. हालांकि 11 नवंबर को महा धरना की पहले से ही आयोग को सूचना थी, जिसको लेकर इसके चारों ओर भारी बेरीकेडिंग कर दी गई थी. लेकिन छात्र इस वेरीकेडिंग को तोड़ते हुए आगे बढ़ गए और गेट पर बैठकर धरना देने लगे.
क्यों कर रहे वन शिफ्ट वन एग्जाम की मांग
प्रतियोगी छात्रों ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि पहले कभी भी पीसीएस और समीक्षा अधिकारी जैसी परीक्षा दो दिनों में नहीं आयोजित हुई है. आयोग के द्वारा या जानबूझकर नियमों में बदलाव किया जा रहा है. 2 दिन एग्जाम कराए जाने को लेकर छात्रों ने कहा कि इससे जहां परीक्षा की मौलिकता खत्म होगी वहीं प्रश्नों का सरल और कठिन होने में भी समस्या पैदा हो जाएगी. सम सामयिक विषय में कौन सा प्रश्न कठिन होगा, कौन सा सरल होगा इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. उदाहरण के तौर पर पहले शिफ्ट में मराठों का संघर्ष पूछ ले और दूसरे शिफ्ट में मैसूर का युद्ध इस विषय में कौन किसके लिए कठिन है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. क्योंकि यह गणित के सूत्र पर आधारित नहीं है.
कोई नेतृत्व कर्ता नहीं
लगभग 30 हजार की संख्या में कोई भी नेतृत्व करता सामने नहीं आ रहा है. हर छात्र इसमें नेतृत्व करता दिखाई पड़ रहा है. वनडे वन शिफ्ट और नॉर्मलाइजेशन के विरोध में दिनभर भारी संख्या में छात्र डटे रहे वहीं रात को भी जिलाधिकारी और कमिश्नर से भी इनकी बातचीत हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला. छात्र हरेंद्र का कहना है कि सरकार युवाओं की भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है. इससे पहले 17 मार्च को पीसीएस की परीक्षा होनी थी, लेकिन समीक्षा अधिकारी का पेपर लीक होने की वजह से इसे 24 अक्टूबर को होना था, लेकिन आयोग की ओर से परीक्षा के बीच में ही नियम में बदलाव किए जा रहे हैं, जिसको सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है. हालांकि अभी आयोग की तरफ से कोई सूचना जारी नहीं हुई है. न ही द्विपक्षीय वार्ता में कुछ निष्कर्ष निकाल पाया है.
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FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 07:10 IST