विंढमगंज (वीरेंद्र कुमार)
विंढमगंज। थाना क्षेत्र अंतर्गत सलैयाडीह में स्थित मां काली मन्दिर व बुटबेढवा ग्राम पंचायत में हनुमान मंदिर के प्रांगण में गुरूवार को सैकड़ों साल पुराने वटवृक्ष के पेड़ के नीचे सलैयाडीह, विंढमगंज, मुड़ीसेमर धरतीडोलवा गांव की हजारों की संख्या मे व्रती महिलाओं की भीड़ लगी रही।व्रती महिलाओं ने वट वृक्ष की पूजा कर पति की लंबी दीर्घायु होने की कामना की।वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को संपन्न किया जाता है।काली मंदिर के कथा कहने वाले पुजारी राजीव रंजन तिवारी व हनुमान मंदिर के पुजारी आनन्द कुमार दुबे के द्वारा क्रमबद्ध तरीके से सभी को सावित्री कथा सुनाया जा रहा था।वही महुली में भी व्रती महिलाओं ने पूजन अर्चन किया।कथावाचक राजू रंजन तिवारी ने बताया कि बट सावित्री पूजा यह सुहागीन महिलाओं का महत्वपूर्ण पर्व है।इस दिन सत्यवान सावित्री तथा यमराज की पूजा की जाती है।सावित्री ने इस व्रत के प्रभाव से अपने मृतक पति सत्यवान को धर्मराज से छुड़ाया था।यह व्रत पति के दीर्घायु के अलावा यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी उचित बताया जाता है।बट सावित्री पूजा के दिन सुहागिन स्त्रियां जल से वट वृक्ष को सींच कर तने को चारों ओर सात बार कच्चा धागा लपेट कर परिक्रमा करती है। साथ ही पंखे से वट वृक्ष को हवा करें इसके बाद सत्यवान−सावित्री की कथा सुनती है क्योंकि इस पर्व में सावित्री कथा का बहुत ही महत्त्व होता है।इसके बाद भीगे हुए चनों का बायना निकाल घर आकर जल से अपने पति के पैर धोती हैं और आशीर्वाद लेती है।उसके बाद अपना व्रत खोलती हैं।
सुहागन स्त्रियां अपने जीवनसाथी पर आने वाले संकट को दूर करने के लिए करती हैं।वट वृक्ष में भगवान ब्रह्मा, भगवान श्री हरि विष्णु और भगवान शिव शंकर का वास होता है।माना जाता है कि इस वृक्ष की जड़ में ब्रह्मा, विष्णु और ऊपरी भाग में शिव निवास करते हैं।वृक्ष की पूजा करने से शनि, मंगल, राहु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।बट पूजा से अखंड सौभाग्य और उन्नति की प्राप्ति होती है।यमराज व सावित्री के साथ वट वृक्ष के नीचे ही संवाद हुआ था।इसी वृक्ष के नीचे पतिव्रता सावित्री को न्याय की प्राप्ति हुई थी।सभी वृक्षों में वट वृक्ष की आयु अधिक होती है।इसमें खंडीत टहनियों का पूजन नहीं करते हुए संपूर्ण वृक्ष की पूजन करना चाहिए।इसमें महिलाएं वस्त्र धारण कर सोलह सिंगार करती हैं।बट सावित्री व्रत करने से जीवन साथी पर आया कोई भी संकट टल जाता है।